उत्कृृष्ट स्कूल में पूरी शाला को एक कक्ष में बैठकर माईक के माध्यम से किया जायेगा संचालित
सिवनी। गोंडवाना समय।
स्कूलों में घंटा बजाने का कार्य भृत्य द्वारा पहले यह कार्य किया जाता था। जिन शालाओं में भृत्य नही हुआ करते थे। उन शालाओं में बच्चे ही स्कूल लगने एवं स्कूल के बंद होने तथा कालखण्ड प्रारंभ एवं समाप्ति के दौरान बजाया करते थे लेकिन उत्कृष्ट विद्यालय सिवनी में यह कार्य को अब आज के दौर के अनुरूप नवाचार से जोड़कर इलेक्ट्रिक सिस्टम से जोड़ दिया गया है। इसके लिए टाईम टेबिल कम साऊन्ड सिस्टम के नाम से एक मशीन लगाई गई है। जिसके द्वारा इसका संचालन प्राचार्य कक्ष से किया जायेगा।
शिक्षकों व विद्यार्थियों को एक साथ दी जा सकेगी सूचना
प्राचार्य डॉ. आर.पी. बोरकर ने बताया कि विगत दो वर्षो से इस सिस्टम को लेकर हमारे द्वारा प्रयास किया जा रहा था। दिल्ली के निकट नोयडा की मिल्टन माईस्टोन कंपनी के द्वारा निर्मित इस यंत्र के माध्यम से पूरी शाला को एक कक्ष में बैठकर माईक के माध्यम से संचालित किया जायेगा। शाला के 30 कक्षों में साऊन्ड सिस्टम तथा परिसर में 3 अतिरिक्त सिस्टम लगाये गये है। इन सबको प्राचार्य कक्ष से संचालित किया जाना है। अगर किसी एक कक्षा में कोई सूचना देनी है तो प्राचार्य द्वारा अपने कक्ष से ही उस कक्षा में साऊन्ड सिस्टम के माध्यम से सूचित किया जा सकेगा। इसके साथ ही बारिश के दिनों में प्रार्थना खुले में कराना संभव नही हो पाता। ऐसी स्थिति में शाला के कक्ष में ही इस सिस्टम के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जा सकेगा।
निर्धारित समय पर स्वयं ही बेल बजेगी
इसके अतिरिक्त नियमित रूप से होने वाले कक्षाओं के कालखंड के लिये पहले घंटा बजाने के लिये भृत्य को समय का ध्यान रखना पड़ता था लेकिन अब इस सिस्टम के माध्यम से निर्धारित समय पर स्वयं ही बेल बजेगी। यह आटोमैटिक कर दिया गया है। इसके साथ-साथ कक्षाओं में छोटी-छोटी सूचनाओं के लिए भृत्य को जाना पड़ता था लेकिन अब इसके माध्यम से उसे कक्षाओं में जाने से निजात मिलेगी। नवाचार के इस उपक्रम को लेकर लोगों में उत्सुकता है। इसके साथ ही इस तरह की व्यवस्था अगर भविष्य में अन्य शालाओं में भी प्रारंभ होती है तो निश्चित ही शालाओं को आगे बढ़ने से कोई रोक नही पायेगा।