नवाचारों के माध्यम से उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनायें निजी विश्वविद्यालय
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने निजी विश्वविद्यालयों से किया परिसंवाद
भोपाल। गोंडवाना समय।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय अपने संस्थान की गुणवत्ता अच्छी रखने के प्रयास करें। नैक तथा एन.आई.आर.एफ. से मूल्यांकन करवा कर उच्चतम रैंकिंग हासिल करें। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण एवं बेहतर बनाने के लिए नवाचारों पर ध्यान दें। मंत्री डॉ. यादव बुधवार को मंत्रालय में निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों, कुलपति एवं कुलाधिपतियों से परिसंवाद स्थापित कर रहे थे।
5 गाँवों को गोद लेकर उनके पिछड़ेपन को दूरकर विकास में दे योगदान
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्व के तहत कम से कम 5 गाँवों को गोद लेकर उनके पिछड़ेपन को दूरकर विकास में योगदान करें। स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने के पाठ्यक्रमों के संचालन में सहयोग करें। प्लेसमेंट सेल को प्रभावी बनाकर अधिकाधिक रोजगार दिलाने में मदद करें। रोजगार मेले के आयोजन में शासकीय महाविद्यालयों को भी साथ लेकर काम करें। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने एवं लोगों में विश्वास बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करें। शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करें।
निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालय एक-दूसरे के पूरक है
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय एवं शासकीय विश्वविद्यालय मिलकर उच्च शिक्षा को बेहतर बना सकते हैं। हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली बेहतर होगी तो हम पूरे विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालयों में इन्क्यूवेशन सेंटर खोले जायें तो बेहतर होगा। इसके लिए शासन से राशि भी उपलब्ध कराई जाती है। निजी विश्वविद्यालयों की सहभागिता अधिक होगी तो शिक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण योगदान होगा। निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालय एक-दूसरे के पूरक है। निजी विश्वविद्यालयों के उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव एवं नवाचार साझा किए। बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, अपर आयुक्त श्री चन्द्रशेखर वालिम्बे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।