मिलिए गांव की दाई मां से, जो अब तक करवा चुकी हैं 100 से भी अधिक नॉर्मल प्रसव
अजय नागेश्वर संवाददाता
उगली। गोंडवाना समय।
गर्भवती महिलाओं को नया जीवन प्रदान करने के साथ ही नवजात शिशुओं को जन्म देने मेें सहायक के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जिन्हें दाई के नाम से जाना जाता है। अस्पताल में जहां महिला प्रसुति विशेषज्ञ चिकित्सकों व सहायक नर्साें के द्वारा प्रसव में अपनी भूमिका निभाई जाती है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है वहां पर दाई मां के द्वारा सुरक्षित प्रसव कराने का कार्य किया जाता है।
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ग्राम खामी की श्रीमती कंचन बाई बोमचेर ने 2007 में लिया था दाई का प्रशिक्षण
बारिश, गर्मी, ठण्ड किसी भी समय हो हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहती है
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के पर्याप्त साधन नहीं थे तब दाई मां नर्सों की भूमिका निभाती थी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब तो कई स्वास्थ्य केंद्र खुल चुके हैं लेकिन आज भी श्रीमती कंचन बाई बोमचेर जो कि गांव में सुरक्षित प्रसव कराने के लिये अपनी विशेष पहचान रखती हैं। इसी सेवाभाव के कारण गांव के लोग उन्हें दाई मां यानि मां का दर्जा देते हैं। बताते है कि लगभग 13 साल पहले आसपास जब न अस्पताल, न डॉक्टर और न ही एम्बुलेंस का साधन था तब से ही श्रीमती कंचन बाई बोमचेर दाई मां सुरक्षित प्रसव कराती आ रहीं। इतना ही नहीं उम्र के इस पड़ाव में भी श्रीमती कंचन बाई बोमचेर द्वारा सुरक्षित प्रसव कराये जाने के लिये सेवा का जज्बा बारिश, गर्मी, ठण्ड किसी भी समय हो हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहती है।