कृषि बिलों से किसानों के अलावा देश की जनता का भी अहित है-कांग्रेस
सिवनी। गोंडवाना समय।
जुल्मी जब जुल्म करेंगा-सत्ता के गलियारों से, चप्पा-चप्प गूंज उठेगा-इंकलाब के नारों से इस कहावत को चरितार्थ करते हुए गणतंत्र दिवस के दिन किसान विरोधी बिल के विरोध में किसानों द्वारा पूरे देश में निकाली गयी ट्रेक्टर रैली ने सरकार में बैठै लोंगो के कान खडे कर दिये। कोई भी सरकार अपने स्वार्थ के लिए मनमाने कानून नहीं थोप सकती, पंजाव और हरियाणा के किसानों ने जो कृषि बिल को लेकर मशाल जलाई थी, आज उसकी रोशनी देश के हर किसान तक पंहुच चुकी है। देश का किसान समझ चुका है कि इन कृषि बिलों से किसानों के अलावा देश की जनता का भी अहित है।
सिवनी के इतिहास में पहली बार किसी आंदोलन के रूप में इतनी बड़ी रैली निकाली गयी
सिवनी में अनेक राजनैतिक पार्टी और कद्दावर नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किये गये है, जिसमें सारी व्यवस्थाएॅ राजनैतिक पार्टी या संगठन करता है किन्तु किसान टेक्टर रैली में स्वप्रेरणा से इतनी अधिक संख्या में ट्रेक्टर और किसानों का पंहुचना आश्चर्यजनक था।
ट्रेक्टर रैली इतनी लंबी थी कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी सिवनी के इतिहास में पहली बार किसी आंदोलन के रूप में इतनी बड़ी रैली निकाली गयी। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी उन सभी किसान बन्धुओं एवं संगठनो का आभार व्यक्त करती है जिनके प्रयासों से खेती का खून तीन कानून-कृषि बिल प्रत्येक गांव के किसानों को समझ में आने लगा है। मोदी सरकार को अब इस बिल को तत्काल वापस ले लेना चाहिये जो देश हित में भी है और किसान हित में भी।