रानीखेत बीमारी के कारण हो रही मुर्गे एवं मुर्गियों की मौत
उगली। गोंडवाना समय।
तहसील केवलारी के अंतर्गत उगली क्षेत्र में रानीखेत बीमारी फैल जाने से दर्जनों मुर्गे-मुर्गियों की मौत हो गई। मुर्गियों को होने वाली ये बीमारी काफी घातक होती है। जानकारी के अनुसार इस बीमारी की चपेट में आने से अब तक उगली क्षेत्र के आस-पास के गांवो में दर्जनों मुर्गे एवं मुर्गियों की मौत हो चुकी है। हमारे संवाददाता ने डॉक्टरों से बात किया तो डॉक्टरों ने बताया कि आपके बताए अनुसार मुर्गो को रानीखेत बीमारी हो गई है। हालांकि अभी तक रानीखेत बीमारी से ग्रसित मुर्गियों की खबर पशु चिकित्सालय को नहीं है।
इस बीमारी से ग्रस्त मुर्गा खाना पीना छोड़ देता है
शासकीय पशु चिकित्सालय उगली के सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के.पी.सेन ने बताया कि इस बीमारी से ग्रस्त मुर्गा खाना पीना छोड़ देता है। उसका दस्त हरे रंग का हो जाता है। इसका वायरस तेजी से फैलता है। अगर एक मुर्गी या मुर्गे को ये बीमारी लग जाए तो उसके साथ के बाकी सभी मुर्गे एवं मुर्गिया भी इस बीमारी से प्रभावित हो जाते हैं। ये एक विषाणुजन्य रोग हैं जो घरेलू पक्षियों (जैसे मुर्गी) तथा अनेकों जंगली पक्षी प्रजातियों को प्रभावित करती है। दो-तीन दिन में ही पक्षी बहुत कमजोर हो जाते है। इसमें मृत्यु दर भी अधिक होती है। यह रोग सूक्ष्म रोगाणु द्वारा बहुत तेजी से संक्रमित है। संक्रमण का नियंत्रण तथा उपचार समय रहते न होने से रोग महामारी की तरह फैल जाता हैं। डॉक्टरों ने बताया कि क्षेत्र के सभी मुर्गी फार्म में जांच की जा रही है अभी तक बर्ड फ्लू एवं रानीखेत बीमारी से ग्रसित मुर्गे एवं मुर्गियां नहीं पाई गई है।
मुर्गी पालको को रही अपार क्षति
ग्रामीणों के लिए मुर्गी पालन एक अच्छा व्यवसाय है। रानीखेत बीमारी के आ जाने से उगली क्षेत्र के आस-पास के गांव में मुर्गी पालको को हो रही है अपार क्षति। यह बड़े पैमाने पर शीघ्रता से फैलने वाला जानलेवा रोग है। इस रोग से ग्रसित होने पर मुर्गियाँ आहार लेना कम कर देती है एवं मुर्गियों का वजन कम होने लगता है। इन्हें हरे पानी या पीलापन अथवा चूने के समान बदबूदार दस्त होने लगता है।