आदेगांव थाना क्षेत्र में दबंगों ने आदिवासी परिवार का जीना कर दिया हराम
आदिवासी परिवार के घर के आसपास आग लगाकर फैला रहे दहशत
अजाक थाना सिवनी व आदेगांव पुलिस थाना कर रहा बड़ी घटना का इंतजार
मुख्यमंत्री जी के निर्देश अजाक थाना व आदेगांव थाना के जिम्मेदारों के कानों में नहीं दे रहे सुनाई
मामला है तो जमीन के विवाद से जुड़ा परंतु समय रहते नहीं लिये संज्ञान तो हो सकता है बुरा अंजाम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी भले ही पुलिस प्रशासन को कड़क निर्देश और संवेदनशीलता का पाठ पढ़ा रहे है। वहीं सिवनी जिला पुलिस अधीक्षक श्रीमान कुमार प्रतीक भी पीड़ितों की आवाज और बातों के साथ विषय की गंभीरता से समझने की स्वयं कोशिश करने के साथ साथ पुलिस थाना प्रभारियों को क्राईम की बैठक हो या अन्य अवसरों पर दिशा निर्देश दे रहे हो लेकिन कुछ पुलिस थाना प्रभारी ऐसे है जो घटना या विषय को गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ नहीं ले रहे है। यही छोटी-छोटी घटनाएं या छोटे आपसी विवाद बड़ा रूप से ले लेते है जिसका अंजाम कभी दु:खदायी हो जाता है। फिर घटना घट जाने के बाद संबंधित जिम्मेदारों पर विभागीय कार्यवाही की जाती है। जबकि यदि समय रहते थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्र में होने वाले आपसी विवाद को शांति पूर्वक हल कराने का प्रयास करें तो सामंजस्य भी संभव है परंतु आदेगांव थाना प्रभारी व अजाक थाना प्रभारी की स्थिति ऐसी है कि दोनो थाना घटना और वाद-विवाद को बढ़ावा देकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में अपना कर्तव्य निभा रहे है। जिस तरह से आपस में विवाद गहरा रहा है और घर के आसपास आग लगाकर दबंगता के साथ आदिवासी परिवार को घर में कैद रहने को मजबूर कर रहे है उसके वीडियों को देखकर व सुनकर कोई भी यह अंदाजा लगा सकता है कि यह विवाद भविष्य में कभी भी दु:खदायी अंजाम के साथ सामने आ सकता है।
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनजाति बाहुल्य जिला सिवनी में आदेगांव पुलिस थाना व अजाक थाना की कार्यप्रणाली के कारण दबंगो की प्रताड़ना से आदिवासी परिवारजन सिर्फ परेशान ही नहीं है उनका दबंगों ने जीना हराम कर दिया है। आदिवासी परिवार को घर में कैद रहने को मजबूर कर दिया है।
घर के आसपास जिस तरह से दबंगों के द्वारा आग लगाकर दहशतगर्दी फैलाया जा रहा है, उसके बाद भी आदेगांव पुलिस थाना और अजाक थाना इस गंभीर विवादित विषय पर संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही नहीं कर रहा है।
घर के आसपास लगा दिये आग
आदेगांव पुलिस थाना क्षेत्र के झिरी गांव में पीड़ित आदिवासी परिवारजनों की महिलाओं ने आरोप लगाते हुये बताया कि आदेगांव पुलिस थाना प्रभारी भी दबंगों का ही साथ दे रहे है उनकी कोई सुनवाई वहां नहीं होती है। इसके साथ ही पीड़ित आदिवासी परिवार जब अजाक थाना सिवनी आता है तो यहां से भी वह खाली हाथ ही जाता है।
न्यायालयीन कार्यवाही का मामला होने के कारण हम कुछ नहीं कर सकते है यह कहकर पीड़ित परिवार को चलता कर दिया जाता है। शनिवार के दिन अजाक थाना पहुंची पीड़ित परिवार की महिलाओं ने बताया कि हमारा खाना-पीना और जीना दबंगों ने हराम कर दिया है। हमसे बिना कारण के ही विवाद करने की कोशिश करते है। वहीं 16 जनवरी को सुबह के समय पीड़ितों के बन रहे घर की सेंटिंग की वल्ली व घर की लकड़ी को दबंगों के परिवारजनों ने मिलकर आग लगा दिया। हम लोगों ने घर के ऊपर चढ़कर उसका वीडियों बनाया और अपनी जान बचाया है। हमें नीचे और घर के बाहर निकलने के लिये धमका रहे थे।
झिरी ग्राम में दबंगों के भय में जीवन बिता रहे आदिवासी परिवार 3 बार अजाक थाना में रगड़ चुके है माथा
जनजाति बाहुल्य जिला सिवनी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कानून की समीक्षा के दौरान कही जाने वाली बातों का असर ग्रामीण अंचलों के पुलिस थाना क्षेत्र में प्रभावहीन होता दिखाई दे रहा है। सिवनी जिले के आदेगांव पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम झिरी में पीड़ित आदिवासी परिवार की महिलाआें में गुल्लों बाई पति भागचंद उईके उम्र 65 वर्ष, जामवती बाई पति राम सिंग उईके उम्र 60 वर्ष, रधिया बाई मर्सकोले पति प्रेमलाल मर्सकोले उम्र 70 वर्ष, रामवती बाई पति हरि सिंग उईके उम्र 40 वर्ष, कु प्रियंका उईके पिता हरि सिंह उईके उम्र 20 वर्ष, कु पूनम उईके पिता हरि सिंग उईके उम्र 22 वर्ष कु पूजा उईके पिता हरि सिंह उईके उम्र 25 वर्ष सभी निवासी ग्राम झिरी पुलिस थाना आदेगांव ने शनिवार को अजाक थाना में पहुंचकर अपने ऊपर दबंगों के द्वारा प्रताड़ित करने की आपबीती सुनाते हुये बताया। वहीं उन्होंने अजाक थाना में इसके पहले भी दो बार शिकायत कर चुके है शनिवार को वे तीसरी बार शिकायत करने पहुंंचे।
बीते 4-5 वर्षों से कर रहे प्रताड़ित, शासकीय नौकरी में पदस्थ मुखिया की करते है फर्जी शिकायत
पीड़ित आदिवासी महिलाओं ने बताया कि दबंगों के द्वारा हमें जानबूझकर झगड़ा विवाद करने के लिये उकसाने का प्रयास किया जाता है। आते-जाते रास्ते में ताना मारने का कार्य किया जाता है। अपशब्दों का प्रयोग और जातिगत से अपमान करते हुये हमेशा संबोधित किया जाता है। बीते लगभग 4-5 वर्षों से प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं आदिवासी महिला के पति शासकीय सेवा में कार्यरत है उनके नाम की फर्जी व झूठी शिकायत थाना व अन्य स्थानों पर किया गया है और अभी भी कोशिाश की जाती है।
लड़कियों के साथ गलत कार्य करने की देते है धमकी
पीड़ित आदिवासी परिवार की महिलाओं ने बताया कि दबंगों के द्वारा बार बार कहा जाता है कि तुम्हारी लड़कियां बाहर पढ़ने जाती है उन्हें हम बाहर देख लेंगे, पीड़ित महिलाओं ने बताया कि यदि हमारे साथ कोई घटना घट जायेगी तो फिर हम क्या करेंगे। हम शांति के साथ रहना चाहते है लेकिन दबंगों के द्वारा हमारे साथ जानबूझकर वाद-विवाद किया जाता है, झगड़ा के लिये उकसाया जाता है।