आदिवासियों की हर एक परंपराओं, पूजा स्थलों एवं धार्मिक संस्कारों में प्रकृति से जुड़ाव मिलता है-राज्यपाल
राज्यपाल को उइके गोत्र के वार्षिक जात्रा कार्यक्रम में शामिल होने का दिया निमंत्रण
रायपुर। गोंडवाना समय।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में श्री सुरजुराम उइके के नेतृत्व में आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को उइके गोत्र के कांकेर जिले के अंतागढ़ में ग्राम-टेमरूपानी में आयोजित वार्षिक जात्रा कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया। आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि यह सराहनीय है। आप लोग अपनी पंरपरा से जुड़े हुए हैं।
आदिवासी समाज सदैव प्रकृतिपूजक रहा है
इस दौरान आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य श्री सुरजुराम ने जो जानकारी दी, बड़ी ज्ञानवर्धक है। ऐसे आयोजन हमेशा होना चाहिए, इससे नई पीढ़ी को अपनी परम्पराओं की जानकारी मिलती है। हमारा आदिवासी समाज सदैव प्रकृतिपूजक रहा है। उनके हर एक परंपराओं, पूजा स्थलों एवं धार्मिक संस्कारों में प्रकृति से जुड़ाव मिलता है और वे प्रकृति को संरक्षण प्रदान करते रहे हैं। यही कारण है कि प्रकृति भी उनका ध्यान रखती है। यह देखने में आया है कि इस कोरोना काल में आदिवासी क्षेत्र के गांव अपेक्षाकृत कम प्रभावित रहे हैं। इस अवसर पर श्री मनेश राम उइके, श्री चंदन सिंह उइके, श्री हरिसिंह उइके, श्री मंगल सिंह उइके, श्री सेवकराम उइके, श्रीमती गोदावरी उइके, कु. सरोजबाला उइके एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्यपाल को पहाड़ी कोरवा समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने तीर-कमान भेंट किया
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में पहाड़ी कोरवा समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की और पहाड़ी कोरवा के समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल को अपना पारंपरिक अस्त्र तीर-कमान भेंट किया। इस अवसर पर श्री प्रेमसाय, श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव एवं अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।