पीपरखूंटा पंचायत में सचिव, उपयंत्री व एसडीओ मिलकर गाड़ रहे भ्रष्टाचार का खूटा
बृजेंद्र सोनवानी ब्यूरो चीफ
पुष्पराजगढ़। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पीपर खूंटा ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा सीसी रोड निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जो कि गुणवत्ता हीन खराब रेता नर्मदा का एवं बिना बेस का पंचायत सचिव खुद खड़े होकर ढलाई करवाया जा रहा है। निर्माण स्थल पर इंजीनियर का कोई अता पता नहीं है पुष्पराजगढ़ के कुछ पंचायतों को छोड़कर पुष्पराजगढ़ के समूचे क्षेत्र में इंजीनियरों की लापरवाही देखने को मिलती है।
सचिव की मनमानी से शासकीय धनराशि हो रही बर्बाद
ग्राम पंचायत पीपर खूंटा में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा सभी काम अपने मनमर्जी से कराती है शासन के नियम को अनदेखा करती हुई पैसा बचाने के चक्कर में रट्ट भट्ट तरीका से निर्माण कार्यों को अंजाम दे रही है जब से यह सचिव ग्राम पंचायत में पदस्थ है तब से इनके द्वारा घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है चाहे वह पुलिया हो स्टॉप डेम, आंगनबाड़ी भवन, वह सी सी रोड, इन सभी निर्माण कार्यों को कभी भी कोई भी देख सकता है क्या ऐसे निर्माण कार्य होते हैं पंचायत के निवासियों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत किया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है
इंजीनियर नहीं रहते मौजूद बरत रहे लापरवाही
इंजीनियर आनंद ऊइके पुष्पराजगढ़ के जिस-जिस पंचायत को देख रहे हैं, उन सभी पंचायतों में इंजीनियर की बहुत लापरवाही है। इंजीनियर द्वारा पंचायतों को खुली छूट दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि इंजीनियर आनंद उइके भी निर्माण कार्य व शासकीय धनराशि के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। निर्माण कार्य स्थल पर इंजिनियर मौजूद नहीं रहते है। जिससे तकनीकि प्रभाव निर्माण कार्य में पड़ रहा है। चर्चा तो ये भी है कि सचिव व इंजिनियर फिफ्टी/फिफ्टी हिसाब किताब बनाकर निर्माण कार्य करवा रहे है।
सचिव के साथ उपयंत्री व एसडीओ का भ्रष्टाचार तालमेल
पीपर खूंटा पंचायत में देखने को मिला पंचायत में सीसी रोड निर्माण कार्य को देखने मौके पर पहुंचे हमारे रिपोर्टर ने देखा कि सीसी रोड में बेस का ढलाई किया ही नहीं गया है और प्रतिबंधित नर्मदा की रेत से ढलाई कार्य हो रहा है। इस बात की सूचना इंजीनियर को देने के लिए फोन लगाया गया तो इंजीनियर का फोन बंद था । वहीं इंजीनियर का फोन ना लगने पर एसडीओ कोस्ठी को फोन लगाया गया लेकिन एस डीओ का भी फोन बंद था तो क्या माना जाए इसका मतलब साफ है कि पंचायत सचिव के साथ उच्च अधिकारियों का भ्रष्टाचार में अच्छा तालमेल है।
शासन की मंशा जो कि विकास कार्यों को लेकर है उसी के तहत लाखों का बजट गांव के विकास के लिये पहुंचा रही है लेकिन तकनीकि अधिकारी व सचिव मिलकर मटियामेट करने में लगे हुये है। ग्रामीणों ने सचिव और इंजीनियर के खिलाफ कार्यवाही करवाने की चेतावनी दिया है। गांव वालों ने कहा जब से हमारे पंचायत में ये सचिव पदस्थ हुये हैं तब से सचिव अपने मनमानी ढंग से पंचायत चला रहे है सचिव व उपयंत्री के कार्य व्यवहार भ्रष्ट मानसिकता के कारण जनता परेशान होकर अब वरिष्ठ अधिकारियों तक शिकायत करने का मन बन रहे है।
सीईओ ने दिया कार्यवाही का आश्वासन
वहीं इस मामले श्री डी के सोनी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ का कहना है कि निर्माण कार्य में उपयंत्री का नहीं होना एवं तकनीकि मापदण्ड के अनुसार कार्य नहीं किया जाना गलत है यदि ऐसा है तो मैं उक्त निर्माण कार्य को दिखवाता हूं निश्चित ही कार्रवाई होगी।