राजेंद्र ग्राम के दोनों पशु चिकित्सक अपने-अपने कार्यालय से रहते है गायब
दमड़ी क्षेत्र के 16 किलोमीटर में एक भी डॉक्टर नहीं
राजेन्द्र ग्राम मुख्यालय में 5 किलोमीटर के अंदर 2 डॉक्टर
पुष्पराजगढ़/अनुपपुर। गोंडवाना समय।
पुष्पराजगढ़ मुख्यालय में 5 जनवरी 2021 को दिन भर क्षेत्र के पशुपालकों का कार्यालय में आना-जाना बना रहा लेकिन दोनों पशु चिकित्सक कार्यालय में ताला लटकता रहा। पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं का उपचार नहीं करवा पाये। हम आपको बता दे कि पुष्पराजगढ़ क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जो कि सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
इस क्षेत्र में 90% जनसंख्या कृषि एवं पशुपालन से अपनी जीवन यापन करते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में शासन द्वारा कृषि एवं पशुपालन जैसी मूलभूत व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और किसानों को किसी प्रकार से परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिये शासन द्वारा कई योजनाओं को संचालन करना एवं क्षेत्र के किसानों एवं पशुपालकों को समृद्ध बनाना शासन की मंशा है उसी के तहत पशु चिकित्सालय का संचाालन किया जा रहा है।
उच्च अधिकारियों की उदासीनता से पशु चिकित्सक करे रहे मनमानी
पुष्पराजगढ़ मुख्यालय में 2-2 पशु चिकित्सक रहना चाहते हैं, जबकि पशु चिकित्सालय पुष्पराजगढ़ मुख्यालय में 5 किलोमीटर के अंदर 2 डॉक्टर हैं और दोनों डॉक्टर आए दिन अपने कार्यालयों से नदारद रहते हैं और क्षेत्र के पशुपालकों को सिर्फ ताला ही नसीब होता है। पुष्पराजगढ़ में अधिकारी कर्मचारी तबादला कराकर इसलिए आते हैं कि यहां आदिवासी क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचारी की छूट और आराम फरमाने को मिलता है।
अनूपपुर जिले में वैसे भी उच्च अधिकारियों की उदासीनता का परिचायक बना हुआ है। उच्च अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही क्षेत्रों में कर्मचारी लापरवाही का प्रदर्शन करते हैं, जो कि जिले में बैठे प्रशासन में बैठे उच्चपदाधिकारी निरंकुश व्यवस्था को संचालन कर रहे हैं जिसकी पोल राजेन्द्र ग्राम पशु चिकित्सालय मे ताला लगा रहता है और परेशान होकर जब किसान और पशुपालक उच्च अधिकारियों से अपनी शिकायत करते हैं तो उच्च अधिकारी अपने ही कर्मचारियों पर कृपा बरसाने में लगे रहते हैं। जबकि चिकित्सालय जैसा महत्वपूर्ण कार्य जो पशुओं के जीवन से जुड़ा हुआ है। इन सेवा कार्यों में भी लापरवाही की हद पार कर रहे हैं पशु चिकित्सकों पर उच्च अधिकारी भी मेहरबान बने हुये है।
प्रशासनिक कार्यवाही को लेकर उठ रहे सवाल
क्षेत्र में इस तरह के लापरवाह चिकित्सकों पर कोई प्रशासनिक कार्यवाही होगी या फिर उच्च अधिकारियों द्वारा फिर अभय दान देकर इन्हें कृपा कृपा बरसा दी जाएगी ताकि क्षेत्र के पशुपालकों को राम भरोसे रहने पर मजबूर रहना पड़ रहा है। पुष्पराजगढ़ क्षेत्र की जनता को जिले की प्रशासन व्यवस्था से विश्वास ही उठा हुआ है। आखिर कब तक चलेगा ऐसी प्रशासन व्यवस्था, कौन है इन सब का जिम्मेदार, ऐसे कई सवाल खड़े होते हैं जिसका उत्तर क्षेत्र की जनता मांग रही है।
सांसद, विधायक निवास के समीप ऐसी है प्रशासनिक व्यवस्था
शहडोल संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह की निवास यही राजेंद्र ग्राम में है। पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक श्री फुन्दे लाल सिंह मार्को का भी निवास स्थान राजेंद्र ग्राम ही है लेकिन प्रशासन में बैठे अधिकारी कर्मचारियों को कोई परवाह नहीं है ओर ना कोई डर है। बेखौफ होकर और प्रशासनिक नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए पुष्पराजगढ़ के क्षेत्र के जनता का शोषण करने में लगे हुए हैं और शासन के द्वारा चलाई जा रही शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं जब सांसद-विधायक निवास के समीप में इस तरह के प्रशासनिक व्यवस्था है तो क्षेत्र के बाकी जगहों में क्या होता होगा यह किसी से छिपी नहीं है। वहीं इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ पांडेय ने सिर्फ इतना ही कहा कि मैँ अभी व्यस्त हूं, इस मामले में बाद में बात करूंगा।