बसनिया एवं राघवपुर बांध से डिंडोरी के 61 और मण्डला के 18 गांव होंगे प्रभावित
3 मार्च 2016 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी थी निरस्त होने की जानकारी
डिंडौरी/मण्डला। गोंडवाना समय।
मध्यप्रदेश के नर्मदा घाटी में 29 बांध प्रस्तावित है। वहीं 3 मार्च 2016 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में विधायक जितेंद्र गहलोत द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में बताया था कि तवा, बारना, कोलार, सूक्ता, मटियारी, मान, जोबट, पुनासा, अपर बेदा एवं महेश्वर परियोजना का कार्य पूर्ण हो गया है।
रानी अबंतिबाई (बरगी), इंदिरा सागर, ओंकारेशवर, लोअर गोई, हालोन एवं अपर नर्मदा बांध परियोजना का कार्य प्रगति है। वहीं शेष 13 परियोजनाओ की जानकारी में बताया गया है कि राघवपुर, रोसरा, बसनिया एवं अपर बुढ़नेर को नये भू अर्जन अधिनियम से लागत में वृद्धि होने, अधिक डूब क्षेत्र होने, डूब क्षेत्र में वन भूमि आने से असाध्य होने के कारण निरस्त की गई है।
20 हजार करोड़ रुपए का अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया
हम आपको बता दे कि बीते 9 जून 2020 को मध्यप्रदेश सरकार की जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदेश को आबंटित नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग करने के लिए सरकार की नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कंपनी और पावर फाइनेंस कॉपोर्रेशन, नई दिल्ली के मध्य 20 हजार करोड़ रुपए का अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है।
जिसमें दावा किया गया है कि विभिन्न बांध परियोजनाओ से डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, सीहोर, देवास, खंडवा एवं हरदा जिलों में 5 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा निर्मित होगी और 225 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा।
बसनिया बांध से 6343 और राघवपुर बांध से 4600 हैक्टेयर जमीन डूब में आयेगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार बसनिया और राघवपुर बांध की प्रशासकीय स्वीकृति 1 अप्रेल 2017 को दिया गया है। जबकि रोसरा बांध की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शासन स्तर पर लंबित है। इन स्वीकृत दो बांधों से डिंडोरी के 61 एवं मंडला के 18 गांव प्रभावित होंगे। बसनिया बांध से कुल 6343 हैक्टेयर जमीन डूब में आयेगी। जिसमें 2443 हैक्टेयर निजी भूमि, 1793 हैक्टर शासकीय भूमि और 2107 हैक्टेयर वन भूमि शामिल है। प्रशासकीय स्वीकृति के समय इसकी लागत 2728.02 करोड़ रुपए थी।
वहीं राघवपुर बांध से से कुल 4600 हैक्टेयर जमीन डूब में आयेगी। जिसमें 2636 हैक्टेयर निजी भूमि, 1952 हैक्टर शासकीय भूमि और 11.99 हैक्टर वन भूमि शामिल है। प्रशासकीय स्वीकृति के समय इसकी लागत 1061.18 करोड़ रुपए थी।
14.16 एमएएफ जल का हिस्सा उपलब्ध था न कि 18.25 एमएएफ पानी
उक्त संबंध में श्री हरी मरावी, श्री राज कुमार सिन्हा, एवं श्याम कुमारी धुर्वे ने जानकारी देते हुये बताया कि बसनिया बांध ग्राम-ओढारी, तहसील-घुघरी, जिला-मंडला और राघवपुर बांध ग्राम-मरवाही, तहसील-शहपुरा, जिला- डिंडोरी में बनाया जाना प्रस्तावित है। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के अनुसार नर्मदा नदी में उपलब्ध 28 एमएएफ पानी में से 18.25 एमएएफ पानी मध्यप्रदेश के हिस्से में आया है।
वर्ष 1975 के गणना अनुसार नर्मदा नदी में बहने वाली पानी की उपलब्धता 28 एमएएफ मापा गया था परन्तु नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने वर्ष 1980 से नर्मदा में प्रतिवर्ष जल उपलब्धता की गणना की है। वर्ष 2009-10 तक के गणना अनुसार नर्मदा कछार में 21.72 एमएएफ जल उपलब्ध था।
निश्चित प्रतिशत बंटवारे के अनुसार वर्ष 2009-10 में मध्यप्रदेश को उपयोग हेतु 14.16 एमएएफ जल का हिस्सा उपलब्ध था न कि 18.25 एमएएफ पानी। अत: पानी की उपलब्धता के आधार पर ही कोई परियोजना निर्माण करने के लिए मंजूर किया जाना चाहिए।