स्वामी विवेकानंद जी की कलात्मक तस्वीर, 55 क्विंटल 8 तरह के अनाज से 8 हजार वर्गफीट पर बनी
हेमन्त मोराने की रिपोर्ट
हरदा। गोंडवाना समय।
हरदा के युवाओं की कलाकारी ने कमाल कर दिखाया है। जिले का नाम विश्व पटल की अलौकिक किस्सों की पुस्तक कही जाने वाली वर्ल्ड बुक आॅफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो गया है। जहाँ कला के क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रुचि निकट भविष्य में नए आयाम स्थापित करने को तैयार है, कला के क्षेत्र में हरदा का नाम देश व प्रदेश में पहचाना जाए, इसके लिए नई और रचनात्मक सोच वाली युवाओं की टीम जी जान से जुटी हुई है। जिले के 60 कलाकारों की टीम ने विवेकानंद जयंती पर कुछ अलग करने की जिद व जुनून को लेकर 8000 वर्गफीट में स्वामी विवेकानंद का पोर्ट्रेट बनाया है। इसकी खासियत यह है कि इसे 8 प्रकार के 55 क्विंटल अनाज से तैयार किया है। इसे बनाने में 3 दिन लगे हैं। निजी कॉलेज कैंपस में तैयार इस कलाकृति को वर्ल्ड बुक रिकार्ड आॅफ यूके की टीम ने देखा। कलाकारों को सर्टिफिकेट दिए। 11-12 जनवरी को सुबह 9 से 4 बजे तक लोग इसे देख सकेंगे ।
हरदा डिग्री कालेज व कृषि मंत्री का भी रहा सहयोग..
हरदा जिले यू तो कृषि प्रधान जिला है और इतिफाक से प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का खुद की विधानसभा क्षेत्र एव युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी को वो आदर्श भी मानते अपने व्यक्तिगत राजनीतिक जीवन मे सबसे पहली सीढ़ी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संभाली थी बतौर कृषि मंत्री ने इस रिकॉर्ड के लिए करीब 1.5 लाख का अनाज उपलब्ध कराकर युवाओं के पराक्रम को बल दिया एव युवाओं की मेहनत से आज समूचा जिला कलाकारी के क्षेत्र में खासी ख्याति अर्जित कर रहा है जिस से आज हरदा का मान बढ़ाया युवाओं ने मिलकर ! साथ ही हरदा डिग्री कालेज जिले का सबसे बड़ा कालेज माना जाता है जहां के युवाओ ने टीम वर्क के साथ मिलकर विशाल कलाकृति बनाई जो अमिट छाप रहेगी !
वर्ल्ड बुक आॅफ रिकार्ड यूके के टीम ने कलाकृति को सराहा..
ग्राम कुकरावद के सतीश गुर्जर व 11 से 25 साल के बीच के 60 कलाकारों की टीम ने यह पोर्टेट तैयार किया है। दाल समेत 8 प्रकार का 55 क्विंटल अनाज लगना था। 7 जनवरी को 8000 वर्गफीट में पोर्ट्रेट बनाना शुरू हुआ। 9 जनवरी की शाम कलाकृति पूरी हुई। रविवार को कलेक्टर संजय गुप्ता, एसपी मनीष अग्रवाल की मौजूदगी में शुभारंभ हुआ। वर्ल्ड बुक आॅफ 5 रिकार्ड यूके लंदन के अधिकृत-मयंक गुप्ता व संजय पंजवानी ने इसका बारीकी से निरीक्षण कर लंबाई चौड़ाई का नाप किया, उसके बाद भौतिक सत्यापन और डेटा परीक्षण करने के बाद वर्ल्ड बुक आॅफ रिकार्ड यूके की टीम ने अस्थाई प्रमाण पत्र से नवाजा गया।