देशभक्तों के देशभक्त थे सुभाषचन्द्र बोस-प्रो0 पंकज गहरवार
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा
कुरई। गोंडवाना समय।
जय हिन्द जैसे नारो से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125 वीं जयंती को शासकीय महाविद्यालय कुरई में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्री पवन कुमार सोनिक, रसायन शास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ श्रुति अवस्थी, क्रीड़ा अधिकारी डॉ मधु भदौरिया, डॉ संतलाल डेहरिया, प्रो0 अनिल कुशराम, डॉ खुशी देवांगन व राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक योगेन्द्र दर्शनिया, सुधीर डहरवाल, गगन पाने द्रविण धराडे़, मोहित डहरवाल व स्वयंसेविका मुस्कान खान, तशलीम खान शामिल हुये।
स्वयंसेवक कपिल अड़म्बे ने देशभक्ति गीत सुनाया
कार्यक्रम की शुरूआत नेता जी सुभाषचन्द्र बोस की फोटो पर माल्यार्पण कर की गई। समस्त स्टॉफ ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो0 पंकज गहरवार ने किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक कपिल अड़म्बे ने देशभक्ति गीत सुनाया। स्वयंसेवक योगेन्द्र दर्शनिया व स्वयंसेविका कु0 शीतल नागवंशी ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जीवनी पर अपने विचार साझा किये।
जिनसे आज का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है
इस अवसर पर डॉ श्रुति अवस्थी ने कहा कि सुभाषचन्द्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानी में शामिल है जिनसे आज का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रो0 गहरवार ने कहा कि भारत सरकार ने देशवासियों विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के जन्म दिवस 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। नेताजी ने विषम परिस्थियों का सामना करते हुये देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाई। सच्ची भावनाओं से वे देशभक्तों के देशभक्त थे। हम सभी को पराक्रम दिवस के अवसर पर संकल्प लेना चाहिए कि हम सभी व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में आगे बढेÞ ताकि भारत लगातार उच्च स्तर की उपलब्धि हासिल कर सके।