गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिये तो उपचार के लिये स्वास्थ्य कर्मचारियों को करना पड़ता है नदी पार
धार जिले के कुक्षी तहसील ग्राम बिरलाई, पटेल पुरा में डिलेवरी एवं स्वास्थ्य उपचार को लेकर करना पड़ता है नदी पार
एंबुलेंस 108 नहीं पहुंच पाने के कारण इस गांव में ही होती है अधिकांश प्रसव
ब्यूरो चीफ-मोहन मोरी, 9977979099
धार/कुक्षी। गोंड़वाना समय।
जनजाति बाहुल्य जिला धार के कुक्षी क्षेत्र के ग्राम बिरलाई पटेल पुरा में पहुंचने के लिए, ग्राम वासियों को आवागमन को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिरलाई के पटेल पुरा में नदी होने के कारण पूरे 12 महीने तक इस नदी में पानी भरा रहता है, बारिश के दौरान इस मार्ग से पैदल नहीं निकला जा सकता है। सामान्य तौर पर यहां पर घुटनों तक पानी भरा रहता है जिसके कारण ग्राम वासियों को भी मुख्य मार्ग पर पहुंचने के लिए यह नदी पार करना पड़ती है, वही स्वास्थ्य विभाग के एएनएम कार्यकर्ता भी नदी पार कर पहुंचते हैं एवं अपने कर्तव्य का पालन करते हैं ।
वेक्सिनेशन के लिए भी सामान सर पर उठाकर नदी पार करना पड़ता है
सिविल हॉस्पिटल के बीएमओ डॉ. अभिषेक रावत ने बताया की कुक्षी के समीप ग्राम बिरलाई पटेल पुरा है। वहां एक नदी है जिसमें कमर तक पानी रहता है, जब वह वहाँ गए और हॉस्पिटल की बहनों से पूछा कि यहां ज्यादा होम डिलेवरिया क्यों होती है तो उन्हें वहां की बहनों से जानकारी मिली की यहाँ एक नदी है और इस नदी में ज्यादा पानी होने की वजह से हमारी जननी या 108 एम्बुलेंस नहीं जा पाती है और ना ही कोई गर्भवती महिलाएं हॉस्पिटल तक पहुंच पाती है। इसलिए यहां पर गर्भवती महिलाओं की होम डिलेवरिया ज्यादा होती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की एएनएम व अन्य कर्मचारियों को वेक्सिनेशन के लिए भी सामान सर पर उठाकर नदी पार करना पड़ता है और वेक्सिनेशन कर के आते है।
जिम्मेदारी निभा रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ डॉ. अभिषेक रावत ने बताया ग्राम बिरलाई के पटेलपुरा मे स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता लगातार अपने कर्तव्य के साथ कार्य कर रहे हैं। बारिश के दौरान भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के साथ स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं द्वारा गांव-गांव में पहुंचकर अपनी जिम्मेदारी निभाई जाकर कार्य किया जाता है।