हर बार रूलाते है परिवहन ठेकेदार, सत्ताधारी नेताओं की सांठगांठ से करते है मनमानी, अब धीमी गति पर कलेक्टर ने कहा पेनाल्टी आरोपित करें
11760 किसानों से धान के उपार्जन, 6 हजार 686 किसानों को स्वीकृति पत्र वितरित, 3213 किसानों को राशि का भुगतान
4 लाख 97 हजार 885.78 क्विंटल धान के उपार्जन का 66.97 प्रतिशत परिवहन पाया गया
परिवहन ठेकेदार की धीमी गति से किसानों के भुगतान में नहीं आ रही तीव्रता
अक्सर परिवहन के दौरान सड़कों पर चालकों के लिये यह संदेश दिया जाता है कि सावधान वाहन धीमे चलाये, शायद इसका पालन उपार्जन केंद्र से अनाज को परिवहन करने वाले ठेकेदारों के द्वारा जिम्मेदारी के साथ पालन करने के निर्देश वाहन चालकों को दिये गये है। कहीं ऐसा तो नहीं कि परिवहन ठेकेदारों की प्रति वर्ष की परंपंरा को वह चालाकी से निभाते हुये धीमी चाल चल रहे है। हालांकि परिवहन ठेकेदारों की धीमी गति से परिवहन करना आदत के साथ लत बन चुकी है। शासन-प्रशासन के फरमान को एक कान से सुनना और दूसरे कान से निकाल देने में परिवहन ठेकेदारों माहिर हो चुके है क्योंकि वह अपनी प्रित वर्ष की पंरपंरा को कैसे तोड़ सकते है। प्रशासन भी परिवहन ठेकेदार पर शिकंजा कसने के लिये आदेश निर्देश देता है, कार्यवाही भी करता है लेकिन उसके बाद कोई फर्क नहीं पड़ता है।
सिवनी। गोंडवाना समय।
सत्ता की सांठगांठ से प्रति वर्ष की परंपरा को निभाते हुये परिवहन ठेकेदारों के द्वारा उपार्जन केंद्रों से अनाज परिवहन करने में प्रशासन को अत्याधिक रूलाते है। बार-बार समझाईश का असर और आदेश निर्देश समाचार पत्रों की सुर्खियोंं बनकर सिमट जाता है। जबकि परिवहन ठेकेदार की धीमी गति के कारण लापरवाही के चलते पिछले वर्ष गेंहू सड़ांध मारने लगा था, अन्नदाताओं की मेहनत को जेसीबी से सकेलकर डंफर में भरकर अलग करवाना पड़ा था। पिछले वर्ष भी कलेक्टर साहब ने परिवहन ठेकेदार को आदेशों-निर्देशों के माध्यम से खूब चेताया लेकिन रिजल्ट परिवहन ठेकेदार, संबंधित विभाग के अधिकारी और प्रशासन के मुखिया भी जानते है कि कैसे गांव के स्कूलों में और ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय भवनों को अस्थायी गोदाम बनाना पड़ा था। सत्ता की सांठगांठ से ऐसा लगता है कि उपार्जन केंद्रों से अनाज का परिवहन करने का ठेका देते समय बिना शर्तोँ के ही दे दिया जाता है। इसलिये सिर्फ चेतानवी ही दी जाती है कार्यवाही या ठेका निरस्त, वसूली जैसी कार्यवाही कम ही की जाती है।
परिवहन की धीमी गति को लेकर कलेक्टर हुये नाराज
हम आपको बता दे कि जब कि कलेक्टर साहब उपार्जन केंद्र के अधिकारियों की मीटिंग लेते है तो हर बार यही निर्देश देते है कि परिवहन की धीमी गति को बढ़ाओं लेकिन संभवतय: यह कहा जा सकता है कि परिवहन ठेकेदार ने स्पीड गर्वनर लगवाकर रखा हुआ है या यातायात के नियमों का पूरा पालन कर रहा है। इसलिये धीमी गति से ही परिवहन का कार्य चल रहा है। हर बार उपार्जन केंद्रों की मीटिंग में समझाईश दिया जाता है लेकिन असर दिखाई नहीं देता है। इसलिये इस बार कलेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग की अध्यक्षता में शनिवार 19 दिसम्बर 2020 को आयोजित जिला उपार्जन समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ फटिंग द्वारा परिवहन की धीमी गति को लेकर नाराजगी व्यक्त कर परिवहनकतार्ओं पर पेनाल्टी आरोपित करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने शतप्रतिशत स्कंध परिवहन के निर्देश भी दिए
उपार्जन की समीक्षा करते हुये कलेक्टर डॉ राहूल हरिदास फटिंग ने अधिकारियों से अब तक पंजीकृत किसानों से किए गए धान उपार्जन, परिवहन तथा भण्डारण एवं किसानों को भुगतान की स्थिति की समीक्षा की। वहीं 19 दिसम्बर 2020 तक जिले में 101 खरीदी केन्द्रों से 11760 किसानों से कुल 4 लाख 97 हजार 885.78 क्विंटल धान के उपार्जन का 66.97 प्रतिशत परिवहन पाया गया तथा 6 हजार 686 किसानों को स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। जिनमें से 3213 किसानों को 17 करोड़ 71 लाख 63 हजार 504 रुपए का भुगतान पाया गया। कलेक्टर डॉ राहूल हरिदास फटिंग द्वारा अधिकारियों को परिवहन की गति पर तीव्रता लाने के निर्देश दिए ताकि किसानों को स्वीकृति पत्र जारी करने के साथ ही उनके भुगतान में तीव्रता आए। उन्होंने उपस्थित परिवहनकतार्ओं को चेतावनी देते हुए आज ही शतप्रतिशत स्कंध के परिवहन के निर्देश भी दिए।