आदिवासी की जमीन पर बिना सहमति के खनिज विभाग सिवनी ने दे दिया उत्खनन की अनुमति ?
आईडी पासवर्ड जारी करने में माहिर है खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से उत्खनन करने वाले व विभाग की सांठगांठ की शिकायत
सिवनी। गोंडवाना समय।
33 रूपये में जहां एक जोड़ी अच्छी चप्पल भी खरीदना मुश्किल है, वहां पर 1 एकड़ जमीन को 1 महिने के हिसाब से 20-20 वर्षों के लिये 100 रूपये के स्टाम्प पर स्टॉम्प डयूटी का चूना लगाकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने वालों के द्वारा अनुबंध के आधार पर किराये से देकर लाखों रूपये कमाने के लिये पत्थर खोदने की इजाजत देकर आदिवासियों का शोषण करने में सहभागिता कहें या सांठगांठ करने वाले खनिज विभाग सिवनी की स्थिति यह है कि खनन ठेकेदारों के आगे विभाग के जिम्मेदार नतमस्तक होते हुये दिखाई देते है। यहां तक कि खनिज विभाग सिवनी के कर्णधार ठेकेदारों के इशारों पर नाच रहे है। खनिज विभाग कार्यालय सिवनी की यह व्यवस्था है कि अधिकारी अपने कक्ष का दरवाजा बाहर से बंद करवाकर ठेकेदारों से विभागीय वार्तालाप करते है। सुशासन का मतलब खनिज विभाग में सिर्फ ठेकेदारों को सुविधाओं देने तक ही सीमित है।
आदिवासी महिला के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दी अनुमति
हम आपको बता दे कि प.ह.नं. 110, राजस्व निरीक्षक मंडल सिवनी भाग-1, तहसील व जिला-सिवनी के खसरा नंबर 186/1 का रकबा 1.070 हैक्टेयर क्षेत्र की जमीन की भूस्वामी जो कि आदिवासी बेवा महिला बती वाई गोंड है, उसके नाम पर खनिज विभाग की मिलीभगत व सांठगांठ से आदिवसी बेवा महिला की बिना सहमति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर खनिज विभाग से आदिवासी बेवा महिला बति बाई गोंड के नाम से अनुमति लेकर मुरम उत्खनन करते हुये उसका परिवहन करने की अनुमति खनिज विभाग सिवनी द्वारा दे दी गई है।
आईडी पासवर्ड जारी करने में खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी है शामिल
इस मामले में बुजुर्ग आदिवासी बेवा महिला के रिश्तेदार राकेश इनवाती ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व खनिज विभाग को भी शिकायत किया है। जिसमें राकेश इनवाती ने उल्लेख किया कि खनिज विभाग व ठेकेदार की सांठगांठ से भूमि स्वामी बती बाई गोंड के नाम से फर्जी तरीके दस्तावेज तैयार कर खनिज विभाग से सहमति ले ली गई है। वहीं राकेश इनवाती ने यह भी बताया कि खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा उत्खनन व परिवहन के लिये जारी होने वाल आईडी पासवर्ड भी कूटरचित रचना करते हुये ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिये जारी कर दिया गया है।