दिव्यांग शकिल अहमद का कोतवाली पुलिस ने 35 हजार की मदद कर बचाया रोजी रोजगार
सिवनी। गोंडवाना समय।
कोरोना संकट काल से पुलिस का स्वरूप में अलग ही नजर आया है। शारीरिक बीमारी से बचाव के लिये सख्ती के साथ साथ संकट के समय, अनेकों को परिवारों को भोजन की व्यवस्था, पैदल चलते राहगीरों को सकुशल स्थानों पर पहुंचाने के साथ साथ शांति सुरक्षा कायम रखने में अहम भूमिका पुलिस ने निभाया है। सिवनी कोतवाली थाना प्रभारी श्री महादेव नागोतिया, भी सिवनी पुलिस अधीक्षक श्रीमान कुमार प्रतीक व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में शांति-सुरक्षा कायम रखने के साथ ही आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम भी कर रहे है। इसके साथ ही समाजिक सरोकार के मामले में सक्रियता के साथ वर्दी के साथ हमदर्दी जताते हुये नजर आ रहे है।
कोतवाली पुलिस जरूरतमंदों की बन रही मददगार
वहीं कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी श्री महावेद नागोतियों की वर्दी के साथ हमदर्दी की कार्यप्रणाली कई पुलिस थाना में आज भी यादगार बनी हुई है। सिवनी जिले के जिन पुलिस थानों में श्री महोदव नागोतिया थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ रहे है। वहां पर सामाजिक बुराई जुआं-सट्टा के खिलाफ तो उन्होंने हमेशा सक्रियता के साथ अभियान चलाया है वहीं सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुये महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीरता व संवेदनशीलता को प्रमाणित कर प्रमाण बन चुके है। वहीं जब वे सिवनी कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ हुये है उसके बाद से उन्होंने कोरोना संकट से बेरोजगार हुये परिवारों को आर्थिक मदद के साथ भोजन आदि की व्यवस्था किया है। इसके साथ ही होनहार निर्धन बच्चियों के उज्जवल भव्ष्यि की चिंता करते हुये उन्होंने एफडी भी करवाया है। इसके साथ ही नेकी की दीवार के माध्यम से भी जरूरतमंदों को मदद करने का अभियान चलाया जा रहा है।
फाईनेंस कंपनी ने जप्त कर लिया था आॅटो, 35 हजार जमा कर वापस दिलाया
हम आपको बता दे कि ऐसा ही संवदेनशीलता का प्रमाण कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी श्री महादेव नागोतिया व कोतवाली पुलिस थाना का स्टाफ बनकर सामने आया है। आॅटो चलाकर अपने घर परिवार का भरण पोषण करने वाले शकील अहमद जो कि लॉकडाऊन के बाद से ही आर्थिक तंंगी के चलते आॅटो कि किस्त नहीं पटा पा रहे थे। जिसके कारण आॅटो फाईनेंस करने वाली कंपनी द्वारा शकील अहमद से आॅटो जप्त कर लिया था। इसकी जानकारी जब कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी श्री महादेव नागोतिया व कोतवाली पुलिस स्टाफ को मिली तो उन्होंने सबने मिलकर 35000 रूपये एकत्र कर फाईनेंस कंपनी में जमा करवाया एवं जप्त आॅटो को वापस शकील अहमद को दिलवाया है।