आईपीएफ महिला मंडल द्वारा दादा हीरा सिंह मरकाम जी एवं दादा मोती रावेन कंगाली जी को दी गई श्रंद्धाजलि
बालाघाट। गोंडवाना समय।
30 अक्टूबर 2020 को कोया पुनेम रचयिता, गोंडी भाषा के प्रचंड विद्वान, वरिष्ठ समाजसेवी दादा मोती रावेन कंगाली जी की पुण्यतिथि पर एवं गोंडवाना रत्न, गोंडवाना लैण्ड के मूलवासियों को एक मंच दिलाने एवं लाने वाले के साथ-साथ राजनैतिक चेतना जागने वाले, सामाजिक पहचान कराने वाले, एल. एल. बी गोल्ड मेडलिस्ट दादा हीरा सिंह मरकाम जी को भरवेली स्थित फड़ा पेन ठाना में आई. पी.एफ महिला मंडल भरवेली, बालाघाट की मातृ शक्तियों द्वारा श्रंद्धाजलि अर्पित की गई।
जीवन संघर्ष
इस अवसर पर रमा तेकाम ने दादा हीरा सिंह मरकाम जी एवं दादा मोती रावेन कंगाली जी के जीवन में संघर्ष के बारे में प्रकाश डाला। वहीं नीलू मसराम ने उनके कार्य क्षेत्र विषय एवं पारस इडपांचे ने गोंडी लिपि के, हड़प्पा, सिन्धु सभ्यता की लिपि सहितराजनीति क्षेत्र पर विचार रखे। मुकेश सैय्याम ने कोया पुनेमी पर विस्तार से विचार रखे वंदना घनश्याम सिंह तेकाम, रीना वरकड़े के द्वारा दोनों दादाओं का सामाजिक योगदान बताया गया तो वहीं सरिता मरावी ने समाज में रहकर विभीषण ना बनने की अपील की अपने मन शब्दों से, इस प्रकार सभी ने श्रंद्धाजलि अर्पित किए और अंत में श्रंद्धाजलि कार्यक्रम में उपस्थित सगा समाज का आभार रेखा सैय्याम ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में सुकवारो धुर्वे, कौशल्या मर्सकोले, रेखा इड़पांचे, रमशिला कुमरे, कविता उइके, ललिता मरकाम, रमशिला मरकाम, कौशल्या उइके, लक्ष्मी सरियाम, कविता कुंभरे, आदि कुमरे, चेतन मरकाम, लवी वरकड़े, मस्करे मैडम वन विभाग सहित अन्य सगा उपस्थित रहे।