लूट और मंहगाई बढ़ी, रोजगार नहीं, छोटे अखबार बंद होने से हजारों लोग बेबस
सिवनी। गोंडवाना समय।
बिजली बिल कई गुने आ रहे हैं। बस किराया दोगुना लिया जा रहा है। डॉक्टर की फीस और कई प्रकार की जांच मरीजों को जिंदा मार रही है। प्रायवेट स्कूलों की दादागिरी यथावत है। उपयोगी वस्तुओं के भाव कई गुना बढ़ गये हैं। लूट और मंहगाई के इस दौर में रोजगार नहीं होने से आम जनता की दशा बहुत दयनीय हो गई है।
ऐसी विपत्ति के समय जिम्मेदार लोग केवल भाषण परोस रहे हैं
उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुये संत रविदास समाज संघ जिला सिवनी के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते स्थानीय रोजगार, संस्थाएं बड़ी संख्या में बंद हैं। दूसरे जिलों में रोजगार करके परिवार पाल रहे लोग भी वापस आ गये हैं। उनके सामने भी रोजीरोटी की समस्या खड़ी है। कुछ लोग बैंकों से कर्ज लेकर, जेवर बेचकर या उधार लेकर किराये की दुकान में व्यवसाय कर रहे थे, बिक्री नहीं होने से बड़ी संख्या में फुटपाथ में नजर आ रहे हैं।
जिनके रोजगार छिन गये हैं वे हाथ ठिलिया या साइकिल में सब्जी बेचने को मजबूर हैं, दिनभर में ये सौ पचास रुपए भी नहीं कमा पा रहे हैं। उधर अखबारों की प्रसार संख्या कम होने और कई छोटे अखबार बंद होने से हजारों लोग बेबस देखे जा सकते हैं। बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित युवक-युवतियां घर-घर जाकर सामान बेचने गिड़गिड़ा रहे हैं।
प्रायवेट स्कूलों के शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों और जूनियर वकीलों के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है। सरकारी शादियां बंद होने से गरीबों की बेटियां बड़ी संख्या में क्वांरी बैठी हैं। संत रविदास समाज संघ जिलाध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने आगे बताया कि सिवनी नगर सहित सभी बड़े कस्बों और विकासखंड मुख्यालय की सड़कों में सौ पचास रुपए कमाने के लिये लोग दिन भर भाग दौड़ कर रहे हैं। ऐसी विपत्ति के समय जिम्मेदार लोग केवल भाषण परोस रहे हैं, जिससे जनता की तकलीफ और बढ़ रही है।