लखनादौन में शटर नीलामी को किया जाये अवैध घोषित-देव सिंह कुमरे
आदिवासी वर्ग के साथ न किया जाये धोखाधड़ी व अन्याय
फर्जी तरीके से सामान्य व्यक्तियों द्वारा अ.ज.जा के नाम से लाभ लेने का षडयंत्र
लखनादौन। गोंडवाना समय।
अधिवक्ता देव सिह कुमरे एवं अधिवक्ता झनकूलाल कुमरे ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुये बताया कि ने अधिसूचित ब्लाक लखनादौन में कार्यालय जनपद पंचायत लखनादौन के सूचना पत्र क्रं 2907 जनपद पंचायत स्था. 2020 में नीलाम की गई शटरो की 50 प्रतिशत राशि जमा कराये जाने एवं नीलामी जो अवैधानिक रूप से की गयी है जो कि विधि विरूद्ध जिसमें शटरों की बोली एवं राशि जमा कराये जाने पर रोक लगाये जाने की मांग किया है।
उपबंधों का किया गया खुला उल्लंघन
अधिवक्ता देव सिह कुमरे एवं अधिवक्ता झनकूलाल कुमरे ने आगे बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 (3) मे जनजातियों आदिवासियो को रूढ़ी व प्रथा को विधि का बल प्राप्त है, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244(1)(2) पूर्ण स्वशासन व नियंत्रण की शक्ति है, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 (5)(6) जनजाति व अनुसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी में आदिवासियों के मौलिक अधिकार लागू नहीं होती है, भारतीय संविधान अनुच्छेद 244 (1)(2) कंडिका-(5) (क) विधान सभा या राज्य सभा द्वारा बनाया गया कोई समान्य कानून अनुसूचित क्षेत्र में लागू नही हैं। उपरोक्त उपबंधों के अनुसार कार्यालय जनपद पंचायत लखनादौन मुख्यकार्यपालन अधिकारी द्वारा शटर नीलाम तहसील परिसर समिति द्वारा उक्त उपबंधों का खुला उल्लघंन किया गया है, जो कि असंवैधानिक है।
आवंटन आरक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं हुआ
अधिवक्ता देव सिह कुमरे एवं अधिवक्ता झनकूलाल कुमरे ने संयुक्त रूप से आगे बताया कि जनपद तहसील परिसर शटर नीलाम समिति द्वारा अनुसूचित ब्लाक लखनादौन होते हुये भी आदिवासी (अ.जा.जा) वर्ग के हक अधिकारों का खुला उल्लघंन किया जा रहा है। जनपद पंचायत द्वारा बनाई गयी कम्पलेक्स दुकानों शटरों की वैधानिक रूप से आवंटन आरक्षण रोस्टर के अनुसार नहीं हुआ है। इसके साथ ना ही बोली लगाने के लिए अमानत रकम में भी कोई आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। वहीं ना ही शटरों को वर्ग क्षेत्रफल में असामनता रखते हुुये आदिवासी अ.जा.जा के साथ भेदभाव किया गया जो अवैधानिक है। जबकि नियमानुसार अ.जा.जा की शटरों (अ.जा.जा) जा के व्यक्तियों को ही बोली लगाने का अधिकार होता है परन्तु अ.ज.जा के साथ फर्जी तरीके से सामान्य व्यक्तियों द्वारा अ.जा.जा के नाम से बोली लगाकर शटरों को षडयंत्र पूर्वक हड़पने का प्रयास किया गया जो अवैधानिक है।
मनमर्जी से नेताओें के परिजनों के नाम से दे दी गयी
अधिवक्ता देव सिह कुमरे एवं अधिवक्ता झनकूलाल कुमरे ने आगे बताया कि रानी दुर्गावती चौक जनपद काम्पलेक्स में बनी संपूर्ण शटर प्रथम तल व नीचे की दुकानों में जिसमें लगभग 17 शटर बनाई गयी है, जिसमें मात्र प्रथम तल में एक ही आदिवासी अ.ज.जा वर्ग के लोगोें को एक ही शटर क्रं 2 जो क्षेत्रफल में सबसे छोटी शटर है, उसे बोली लगाकर नीलाम किया गया है। जबकि उसके नीचे 14 शटर प्रथम तल के नीचे बनी हुई है, जिनकी कोई आरक्षण कोई निलामी नहीं की गयी है। मनमर्जी से नेताओें के परिजनों के नाम से दे दी गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि उक्त शटरों में खुलेआम नियमों को ताक में रखकर नीलामी की गयी है जो अवैधानिक हैं।
राशि हड़प करने का षडयंत्र
अधिवक्ता देव सिंह कुमरे ने बताया कि जबकि रानी दुर्गावती चौक में शटर क्रं 02 मेरे द्वारा बोली लगाकर जिसकी सरकारी कीमत 3,44,000/- थी जिसे विधिवत 1,20,000/- जमा करके खरीदी गयी है। जिसमें मुझे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लखनादौन द्वारा सूचना पत्र क्रं 2907 जनपद पंचायत स्था. 2020 में कुल लागत राशि 11,00,500/- बताकर 50 प्रतिशत राशि 3 दिवस में जमा करने अन्यथा आपकी दुकान निरस्त कर दी जायेगी इस प्रकार नोटिस दिया जाना। कहीं न कहीं षडयंत्र पूर्वक आदिवासी समाज के व्यक्ति की 1,00,000/- की राशि हड़प करने का षडयंत्र है, जो कि अवैधानिक है बिना तथ्यों के जॉच किये आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के साथ किये जाने वाली धोखाधड़ी व अन्याय है। उक्त मामलों की पूरी जॉच करते हुये की गयी शटरोे की नीलामी को अवैध घोषित कर अ.ज.जा वर्ग के व्यक्तियों को उचित आरक्षण रोस्टर अनुसार सरकारी मूल्य पर शटर दिलाये जाने की मांग किया है।