मानवता की मिशाल बनी रोज नाजनीन, नाली में गिरे विक्षिप्त का बनी सहारा
विक्षिप्तो की मदद में निरंतर कदम बढ़ाता न्यू आसरा सोशल फाउंडेशन
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला अस्पताल की सीमा पर बनी दीवार, विश्राम गृह से बाहुवली चौक की ओर जाने वाली सड़क जहां से आम और खास बुद्धिजीवियों सहित सभी का आवागमन सतत रूप से रहता है। जिला अस्पताल और सड़क के किनारे मानसिक रूप से विक्षिप्त नाली में पड़ा हुआ नजर आता है लेकिन न कोई रूकता है और न ही कोई उठाकर नाली से बाहर निकालने का प्रयास करता है।
मानव समाज के बीच में एक मानव नाली में पड़ा रहा और उसे सहारा देने वाले आगे आने में संकोच करते हुये चुपचाप आगे निकलते गये कुछ ने वीडियों बनाया ओर कुछ ने फोटोग्राफ्स खींचकर मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया। हालांकि सहारा नहीं देने वालों के विषय में ज्यादा विवरण की आवश्यकता भी नहीं है। हां लेकिन रोज नाजनीन के द्वारा सेवा परमो धर्म व मानव सेवा के क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों के विषय में जानना भी जरूरी है।
मानव समाज के लिये प्रेरणा है रोज नाजनीन
समाज में कई ऐसे लोग है जो अपने नाम के आगे समाजसेवी लिखते हैं और यह बताने का प्रयास करते है कि वह समाजसेवा के क्षेत्र में सबसे आगे है अच्छा भी है, जो लोग समाज सेवा का कार्य कर रहे है अपने स्तर से उनसे जितना बन रहा है वे आगे आकर अपनी भूमिका निभा रहे है यह अच्छी बात है। वहीं कुछ सामाजिक संगठन भी है जो काम करने के साथ प्रचार-प्रसार कर दूसरो समाज सेवा करने के लिये प्रेरित भी कर रहे है। बीते मार्च माह से देश के साथ साथ जिले में कोविड-19 जैसी महामारी की रोकथाम के लिये दूरी बनाये रखने का संदेश दिया जा रहा है और लोग एक दूसरे को छूने से भी परहेज कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में विक्षिप्त घूमने वाले लोगो को अपने हाथ से नहलाकर कपड़े पहनाने जैसा नेक काम करने वाली रोज नाजनीन एक अकेली महिला के द्वारा किया जाना मानवता की प्रमाण बनी हुई है और मानव समाज के लिये प्रेरणा के साथ मिशाल भी है।
छपास में सबसे आगे सामाजिक न्याय विभाग
जिला अस्पताल के सामने बनी नाली में एक विक्षिप्त व्यक्ति गिर गया था जो कि नाली पर ही घंटो तक पड़े रहा, उक्त मार्ग से कई लोग गुजरते रहे और उन्होंने नाली में पड़े विक्षिप्त को देखा भी लेकिन कोई भी नाली से बाहर निकालने के लिये नहीं रूका। इस बीच कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में विक्षिप्त के नाली में गिरे होने की फोटो डालकर नगर पालिका परिषद एवं सामाजिक न्याय विभाग का ध्यान इस ओर आकर्षित कराना चाहा लेकिन घंटो गुजर जाने के बाद भी ना तो नगर पालिका का अमला मौके पर पहुंचा और ना ही सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पहुंचे। सामाजिक न्याय विभाग सिवनी छपास के मामले में सबसे आगे है और समाजिक न्याय विभाग यही अंदाज जिले के जनप्रतिनिधियों सहित शासन-प्रशासन की पहली पसंद भी है।
रोज नाजनीन ने अकेले ही नाली से बाहर निकाला
इस बीच विक्षिप्तो के उत्थान के लिए काम करने वाली न्यू आशरा फाउडेंशन की संचालिका रोज नाजनीन कुरैशी को जानकारी मिली तो वह फौरन जिला अस्पताल के सामने पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि एक विक्षिप्त नाली में पड़ा हुआ है तब बिना किसी परहेज के रोज नाजनीन ने अकेले ही उक्त विक्षिप्त को नाली से बाहर निकाला और उसकी साफ-सफाई किया। एक महिला के द्वारा अकेले ही ऐसे समय पर विक्षिप्त व्यक्ति की मदद करना प्रमाण के साथ प्रेरणा भी है जब लोग एक दूसरे से दूरियां बना रहे हैं।
विक्षिप्तों की मदद में सक्रिय न्यू आसरा फाउंडेशन
हम आपको बता दे कि सिवनी में न्यू आशरा सोशल फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है, जो सेवा परमों धर्म को चरीतार्थ करते हुये बिना किसी स्वार्थ के काफी समय से विक्षिप्तों के उत्थान के लिए काम कर रही है। उक्त संस्था की संचालिका रोज नाजनीन कुरैशी के द्वारा सिवनी और आसपास घूमने वाले विक्षिप्तों को ढूंढकर उन्हें नहलाया जाता है और अच्छे कपड़े पहनाकर भोजन कराने का काम किया जाता है।
बिना स्वार्थ के सतत मदद में सक्रिय रोज नाजनीन
वहीं लॉकडाउन के दौरान भी जब लोग पैदल आने-जाने वाले मजदूरो की उम्मीद बन रहे थे, तब भी न्यू आशरा सोशल फाउंडेशन की संचालिका विक्षिप्तों की मदद करने में जुटी हुई थी। वर्तमान में जिस तरह का काम रोज नाजनीन कुरैशी के द्वारा किया जा रहा है, ऐसा कार्य करना हर किसी के बस की बात नहीं। यदि रोज नाजनीन कुरैशी की संस्था को शासन-प्रशासन का मार्गदर्शन और मदद मिले तो उक्त संस्था विक्षिप्तों के लिए संजीवनी बन सकती है। देखना यह है कि जिले के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन विक्षिप्तों के लिए काम करने वाली न्यू आशरा सोशल फाउंडेशन की मदद के लिए आगे आते हैं या नहीं फिलहाल रोज नाजनीन कुरैशी बिना स्वार्थ के विक्षिप्तों की मदद करने में जुटी हुई है।
Najneen ke liye to jitni taaliya baje kam 👏👏
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