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आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दहेज लोभियों की जमानत खारिज

आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दहेज लोभियों की जमानत खारिज 

दहेज के लिए प्रताड़ित कर रह रहे थे, सास-ससुर और पति 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

पुलिस थाना बरघाट जिला सिवनी अंतर्गत मृतिका प्रियंका चौहान पति राहुल चौहान उम्र 26 वर्ष निवासी कोड़िया थाना बरघाट का विवाह 3 जून 2012 को कोड़िया निवासी राहुल चौहान के साथ हिंदू रीति रिवाज से हुआ था। वहीं 23 जुलाई 2020 को मृतिका प्रियंका चौहान को जली हुई अवस्था में ससुराल ग्राम कोड़िया से लाकर सी.एच.सी. बरघाट में भर्ती कराया गया। जहां मृतिका प्रियंका के मृत्युकालिक कथन नायब तहसीलदार बरघाट द्वारा लेख किए गए थे। 

पैसों की मांग को लेकर किया था झगड़ा

मृतिका प्रियंका ने कथनों में बताया कि 23 जुलाई 2020 को सुबह करीब 9 बजे पति राहुल चौहान ने पैसों की मांग को लेकर झगड़ा किया था। झगड़े के दौरान मिट्टी का तेल लाकर दिया तो वह स्वयं अपने ऊपर डाल लिया उक्त दिनांक को मृतिका प्रियंका चौहान को सी.एच.सी. बरघाट से जिला अस्पताल सिवनी इलाज हेतु रेफर किया गया था। जहां 24 जुलाई 2020 को रात्रि 2:20 मिनट पर मृत्यु हो गई। मृतिका प्रियंका चौहान की शव पंचनामा कार्यवाही जिला अस्पताल सिवनी में नायब तहसीलदार द्वारा परिजनों की उपस्थिति में की गई। 

दहेज मांगकर करते थे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित 

श्री मनोज सैयाम मीडिया सेल प्रभारी सिवनी ने उक्त प्रकरण के संबंध में माननीय न्यायालय में हुई सुनवाई के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि जहां कार्यवाही के दौरान मृतिका के भाई जितेंद्र हुमेनकर और मामा निगेश मेश्राम के बयान लिये गये। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि उसकी बहन मृतिका प्रियंका को पति राहुल चौहान एवं सास निर्मला चौहान, ससुर रामदास चौहान द्वारा पैसे एवं दहेज की मांग पर से शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था एवं पति राहुल ने झगड़े के दौरान मिट्टी का तेल लाकर दिया और आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किया। जिससे मृतिका ने स्वयं पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर आत्म हत्या कर ली। 

जमानत के लिये लगाया था आवेदन 

श्री मनोज सैयाम मीडिया सेल प्रभारी सिवनी ने उक्त प्रकरण के संबंध में माननीय न्यायालय में हुई सुनवाई के संबंध में जानकारी देते हुये आगे बताया कि मर्ग जांच के दौरान पुलिस ने प्रथम दृष्टया राहुल, निर्मला एवं रामदास के विरुद्ध धारा 306, 498 (ए), 34 भादवि 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया। वहीं पुलिस द्वारा आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं आरोपिगण ने जमानत हेतु आवेदन लगाया था। 

सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती उमा चौधरी ने दर्ज कराई आपत्ति 

जिस पर शासन की ओर से श्रीमती उमा चौधरी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के द्वारा आपत्ति दर्ज कर बताया गया कि किसी भी लड़की का विवाह के पश्चात उसके पति एवं सास-ससुर ही संरक्षक होते हैं एवं उनका भरण पोषण का दायित्व भी उन्हीं पर होता है। यदि उनके द्वारा ही अमानवीय व्यवहार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में महिला का जीवन नरक समान होता है, जिसे बर्दाश्त करना बहुत कठिन होता है।
          ससुराल वालों के प्रताड़ना के कारण एवं पति द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने के कारण ही मृतिका के द्वारा आत्महत्या जैसा कदम उठाया गया। अत: आरोपीगण को जमानत का लाभ दिया जाना अनुचित है। विचार करने के पश्चात माननीय श्रीमान अशोक कुमार शर्मा चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, माननीय न्यायालय सिवनी के द्वारा आरोपीगण रामदास चौहान, निर्मला चौहान की जमानत आवेदन को खारिज करने का आदेश जारी किया है।


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