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प्रकृति ने तकनीकि अमला, ठेकेदार और क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों के मजबूत गठबंधन को तोड़ा

प्रकृति ने तकनीकि अमला, ठेकेदार और क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों के मजबूत गठबंधन को तोड़ा 

लोकापर्ण के पहले ही बाढ़ के पानी में बह गया पुल 


सिवनी।  गोंडवाना समय। 

तकनीकि अमला, क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों व निर्माण ठेकेदार का मजबूत गठबंधन और सरकार के संरक्षण की हकीकत को प्रकृति की मार ने सामने ला दिया है। नहीं तो गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों की शिकायत करने के बाद जांच करने वाले भी अधिकांशतय: शिकायत को निराधार बता ही देते है। जो जांच और गड़बड़ी को इंसान नहीं पकड़ पाता वरन उसे बचाने और गड़बड़ी में शामिल हो जाता उससे पहले ही प्रकृति ने दूध का दूध और पानी का पानी की कहावत को चरीतार्थ करते हुये निर्माण कार्य की हकीकत को सामने लाकर रख दिया है। करोड़ों की लागत से बना पुल फीता कटने के पहले से ही ध्वस्त हो गया है। 

श्रेय लेने वाले नेताआें को नहीं मिला फीता काटने का अवसर 


बीते गुरूवार की रात से प्रारंभ हुई भारी बरसात ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, किसानों की फसलों को तबाह कर दिया तो वहीं निर्माण कार्यों में तकनीकि अमला की भ्रष्ट गतिविधियों को भी उजागर कर दिया है। सिवनी जिले में ऐसे कई प्रमाण देखने को मिल रहे है। जिसे प्रकृति ने सामने लाने का काम किया है। हम आपको बता दे कि सिवनी जिले के सुनवारा गांव में वैनगंगा नदी पर स्थित करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल पानी में बह गया है। यह बीते लगभग 1 माह पहले ही पुल बनकर तैयार हुआ था। वहीं श्रेय लेने वाले नेताओं का फीता काटने अर्थात लोकापर्ण का अवसर भी नहीं दे पाया। 

कुलस्ते, रजनीश व राकेश का है प्रतिनिधित्व क्षेत्र 


प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पुल 3 करोड़ 7 लाख रुपये ंमें बनकर तैयार हुआ था। पुल का निर्माण का कार्य 1 सितंबर 2018 को शुरू हुआ था। निर्माण पूर्ण होने की तय तारीख 30 अगस्त तय की गई थी। पुल इससे पहले ही बनकर तैयार भी हो गया था और गांव के लोग करीब एक महीने से आवागमन के रूप इसका उपयोग भी करने लगे थे। वैनगंगा नदी पर बना यह पुल सुनवारा और भीमगढ़ ग्राम को जोड़ता था।
         यह पुल मण्डला संसदीय क्षेत्र केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते व केवलारी विधानसभा क्षेत्र में आता है जब निर्माण शुरू हुआ था तब कांग्रेस के विधायक श्री रजनीश सिंह ठाकुर यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वहीं लोकापर्ण यदि होता तो और बीते डेढ़ वर्ष से भाजपा के श्री राकेश पाल सिंह विधायक हैं। अब देखना यह है कि पुल निर्माण करने वाले तकनीकि अमला पर सरकार और प्रशासन के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है। वहीं पुल टूट जाने के कारण क्षेत्रिय ग्रामीणों का संपर्क टूट गया है। 


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