धड़ल्ले से नगर पालिका के पीछे सॉफ्ट ड्रिंक निर्माण का प्लांट हो रहा था संचालित
खाद्य विभाग की छापेमारी से अनुमति व मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ के खुले कई राज
कमलाशंकर विश्वकर्मा, जिला ब्यूरो
नीमच। गोंडवाना समय।
जहां एक ओर कोरोना महामारी के संकट से मानव वैसे ही जूझ रहा है। वहीं दूसरी और रूपये कमाने की चाहत में मानव जीवन को खतरा में डालने में भी झिझक नहीं करने वाले मिलावटखोर इतने बेखौफ होकर अपनी दुकानदारी चला रहे है। वहीं बुद्धिजीवियों का इलाका और संबंधित विभाग के मुखियाओं के कार्यालयों के होने के बाद भी बेधड़क प्लांट का संचालन किया जाना कई सवाल खड़े करता है।
अनुमति देने वाले संबंधित विभागों के अधिकारी आंख बंद कर अनुमति दे देते है। वहीं अनुमति देने के बाद वहां पर क्या निर्माण हो रहा है कोई अवैधानिक या अनुमति से हटकर कोई निर्माण कार्य तो नहीं किया जा रहा है इसको देखने के लिये या निगरानी के लिये कार्यस्थल पर नहीं जाते है, विभागीय कार्यालयों में कुर्सी में बैठकर प्रतिमाह सरकारी वेतन लेकर आराम फरमा रहे है या फिर सब कुछ मालूम होने के बाद संरक्षण देकर मानव स्वास्थ्य जीवन को खतरे में डालने के खेल में ये भी शामिल होकर रूपये कमाने में हिस्सेदार की भूमिका निभाते है। इस खेल पर खाद्य एवं औषधी विभाग की छापेमारी ने कई सवाल खड़े कर दिये है जो जनता के विचार में आना स्वाभाविक है।
फ्लेवर्स का उपयोग कर कोल्ड्रिंक कर रहे थे तैयार
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जिला नीमच द्वारा 27 अगस्त 2020 को नगर पालिका के पीछे स्थित दुकानों का निरक्षण जिला खाद्य अधिकारी संजीव कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। जिसमे फर्म-डेली डोज मिनी मार्ट का निरीक्षण किया गया, मौके पर रिटेल काउंटर संचालित किया जा रहा था व दुकान के पीछे सॉफ्ट ड्रिंक निर्माण का प्लांट संचालित था। जिसमे अलग-अलग फ्लेवर्स का उपयोग कर जीरा मसाला, लेमन सिप, आॅरेंज सिप नाम से कोल्ड्रिंक तैयार कर पैक किये जा रहे थे।
आवासीय क्षेत्र में कैसे मिल गई अनुमति ?
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जिला नीमच द्वारा निरीक्षण के दौरान मौके पर जांच में पाया गया कि कि 460 मसाला सिप जीरा सॉफ्ट ड्रिंक-1.25 लीटर की वॉटल मंदसौर भेजी जा रही थी। उक्त फर्म आवासीय इलाके में पूरा प्लांट संचालित कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान मौके पर कंप्रेसर कार्बन डाईआक्साईड सिलेण्डर मौके पर पाए गए, ऐसे प्लांट की अनुमति आवासीय क्षेत्र में नहीं दी जाती है। इस मामले में सवाल खड़े हो रहे है कि आखिर खतरे की दुकान और मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले को दुकान संचालन के लिये अनुमति किसने और क्यों दी थी या बिना अनुमति के ही संचालित किया जा रहा है। संबंधित विभाग जिन्हें इनकी निगरानी करनी चाहिये उनकी कार्यप्रणाली व कर्तव्य पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
जीरा का फोटो लेकिन केवल फ्लेवर्स का उपयोग
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जिला नीमच द्वारा निरीक्षण करने पर मौके से मसाला सिप, जीरा सॉफ्ट ड्रिंक - 1.25 लीटर का नमूना मानक स्तर की जांच हेतु लिया गया। जिस पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत पता केवल, नीमच लिखा गया था। वहीं निमार्ता का लाइसेंस मौके पर नहीं पाया गया। सिर्फ जीरा का फोटो डाला गया है, जबकि उसमें केवल फ्लेवर्स का उपयोग किया जा रहा था। जबकि फ्लेवर्स कितनी मात्रा में, किस अवस्था में डाले जाते है, इसका पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है।
456 सॉफ्ट ड्रिंक बॉटल जप्त की गई
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग जिला नीमच द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद 456 सॉफ्ट ड्रिंक बोतल प्रत्येक 1.25 लीटर, जप्त की गई। जप्त सॉफ्ट ड्रिंक का मूल्य 27,360/- रूपये है। फर्म के संचालक का नाम अली अब्बास बोहरा है।
जैनी फूड्स बेस्ट विफोर की खाद्य सामग्री कर रहा था उपयोग
जैनी फूड्स नामक संस्थान जिस पर सैंडविच, पिज्जा आदि निर्माण कर जुमाटो व होम डिलीवरी के माध्यम से आईडीबीआई बैंक के सामने रेस्टोरेंट संचालित किया जा रहा था।
निरिक्षण के दौरान मौके पर 10 पैकेट गोवेर्धन चीज, लिम्का 3 बोटल, मेयोनेज सॉस -1 कि.ग्राम. के 12 पैक, बेस्ट बिफोर निकले हुए पाए गए। जिन्हें मौके पर नष्ट कराया गया व फर्म के विरुद्ध उक्त उलंघन का प्रकरण जल्द ही न्यायालय में दर्ज किया जाएगा।