शहीद महापुरुषों की मूर्ति तोड़ने वाले असामाजिक तत्वों की जमानत हुई खारिज
सिवनी। गोंडवाना समय।
्रपुलिस थाना बरघाट जिला सिवनी के अंतर्गत उक्त मामला शहीदों के अपमान से संबंधित है। उक्त प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये मीडिया सेल प्रभारी श्री मनोज सैयाम द्वारा बताया गया कि विगत 3 अगस्त 2020 की रात्रि में बरघाट के जावरकाठी रोड पर स्थित आदिवासी मंगल भवन के परिसर में देश की रक्षा करने वाले अंग्रेजों के साथ लोहा लेने वाले अमर शहीद गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकर शाह एवं पुत्र रघुनाथ शाह की मूर्ति को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़कर खंडित कर दिया गया था।
क्षेत्रवासियों व जनप्रतिनिधियां में खेद जताकर रोष किया था व्यक्त
उक्त प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये मीडिया सेल प्रभारी श्री मनोज सैयाम द्वारा आगे बताया गया कि गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकर शाह एवं पुत्र रघुनाथ शाह की मूर्ति को तोड़कर खंडित किये जाने पर क्षेत्रवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा बेहद खेद एवं रोष व्यक्त किया था एवं जिला एवं पुलिस प्रशासन से आरोपियों को पकड़ने हेतु ज्ञापन आवेदन दिया गया था।4 आरोपी को बरघाट पुलिस ने गिरफतार कर भेजा था जेल
जिस पर पुलिस थाना बरघाट के द्वारा मामला दर्ज कर घटना की जांच एवं विवेचना की गई। पुलिस द्वारा की गई विवेचना के आधार पर चार आरोपी जिसमें (1) दिलीप पिता सुदामा सूर्यवंशी निवासी वार्ड क्रमांक 13 बरघाट, ( 2) शैलेश बोपचे पिता हंसराज बोपचे निवासी ग्राम धारणा, (3) नितिन उर्फ छोटू पिता राजू तिवारी निवासी बरघाट, (4) राहुल कुशवाहा पिता राजीव कुशवाहा वार्ड नंबर 4 बरघाट निवासी को बरघाट पुलिस थाना के द्वारा उक्त अपराध करना पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था एवं गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया था।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती कौशल्या ईक्का द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति
उक्त प्रकरण के संबंध में जानकारी देते हुये मीडिया सेल प्रभारी श्री मनोज सैयाम द्वारा आगे बताया गया कि वहीं 11 अगस्त 2020 को सभी चारों आरोपी गणों के द्वारा जमानत हेतु आवेदन लगाया गया था। जिसकी सुनवाई माननीय प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट सिवनी की न्यायालय में की गई। जिसमें शासन की ओर से श्रीमती कौशल्या ईक्का सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई एवं कहा गया की अमर शहीद जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी है और शहीद हुए हुये। ऐसे अमर शहीदों की मूर्ति का अपमान किए जाने का कृत्य बेहद निंदनीय एवं आपत्तिजनक है। देश की आन, बान और शान के लिए शहीदों का सम्मान किया जाना चाहिए। यदि आरोपी गणों को जमानत दे दी जाती है तो इससे समाज में वैमनस्यता एवं आक्रोश उत्पन्न होने की संभावना है। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त गण के आवेदन पत्र एवं अपराध की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए चारों आरोपी गणों की जमानत खारिज किए जाने का आदेश दिया है।
सेवा जौहर जय हिन्द जय भारत
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