खनन के लिये राजस्थान टाइल्स कंपनी को जमीन देने शहडोल जिले में ग्राम सभा को अफसर दिखा रहे अंगूठा
सरपंच के प्रमाण पत्र के आधार पर खनिज विभाग ने दे दिया लीज की स्वीकृति
443 किसानों ने पहले ही दिया था कलेक्टर से विशेष ग्राम सभा लगाने की मांग
सीमांकन कराने दल बल के साथ पहुंचा था राजस्व व पुलिस अमला
शहडोल के तहसील गोहपारू के ग्राम खैरी का है मामला
इसकी जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को एवं प्रभावित किसानों को लगी तो वे भी मौका पर पहुंच गये जहां पर विवाद की स्थिति भी निर्मित बन रही थी। वहीं मौके पर कुछ क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों के द्वारा ग्रामीणों की मांग के आधार पर ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से ग्राम सभा की कार्यवाही किये जाने का समर्थन किया गया।
ग्राम सभा के लिये 443 किसानों ने कलेक्टर से किया था निवेदन
जिसके संबंध में समस्त ग्रामवासियों को भूमि का सीमांकन उपयोग किस आधार पर किया जायेगा। इसकी कोई जानकारी ग्रामीणों को नहीं है। इसलिये भ्ूामि जहां पर समस्त ग्रामवासियों की पुश्तैनी जमीन एवं भूमि से होने वाली उपज जीविकापार्जन का एक मात्र साधन है उसको लेकर ग्रामवासियों ने संदेह जताया था कि सीमांकन के लिये आदेशित लगभग 350 एकड़ भूमि किसी प्राईवेट कंपनी को दी जा रही है।
जिसकी ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं है। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि जमीन खनन कार्य के लिये देने पर ग्राम के किसानों की फसल एवं पर्यावरण पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिये सबसे पहले ग्राम खैरी में विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर विषयवस्तु से अवगत कराते हुये सीमांकन प्रक्रिया संपन्न कराये जाने की मांग ग्रामीणों ने किया कलेक्टर शहडोल का 28 मई 2020 को पत्र लिखकर निवेदन किया था।
एसडीएम से ग्रामीणों ने कह दिया था हमें आप क्या देंगे आप तो हमसे लेने आये है
443 ग्रामीणों के द्वारा विशेष ग्राम सभा रखे जाने का निवेदन के लिये 28 मई 2020 को लिखे गये पत्र के बाद एसडीएम भी खैरी ग्राम पहुंची थी। जिन्होंने ग्रामीणों से पूछा था कि आपको क्या परेशानी है एवं आप लोगों की मांग क्या है।
इस पर ग्रामीणों ने साफ कहा था कि ग्राम सभा कराई जावे और उसमें जो निर्णय होगा उस आधार पर ही कार्यवाही की जावे। वहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा था कि आप हमें क्या देंगे आप तो हमसे लेने आये है। वहीं एसडीएम की बातों को ग्रामीणों ने खारिज कर दिया था। इसके बाद 3 जून को सीमांकन के लिये राजस्व व पुलिस दल-बल के साथ खैरी गांव पहुंच गया।
इस पर ग्रामीणों ने साफ कहा था कि ग्राम सभा कराई जावे और उसमें जो निर्णय होगा उस आधार पर ही कार्यवाही की जावे। वहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा था कि आप हमें क्या देंगे आप तो हमसे लेने आये है। वहीं एसडीएम की बातों को ग्रामीणों ने खारिज कर दिया था। इसके बाद 3 जून को सीमांकन के लिये राजस्व व पुलिस दल-बल के साथ खैरी गांव पहुंच गया।
अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा की बिना सहमति के खनन के लिये जमीन व लीज देना निदंनीय
इस मामले में शहडोल जिले के जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने क्षेत्रिय जनप्रतिनिधि होने के नाते ग्रामीणों के बुलावे पर वह बुधवार 3 जून को मौका स्थल पर पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने देखा कि राजस्व व पुलिस का अमला दल बल के साथ सीमाकंन करने के लिये पहुंचा है।
वहीं उन्होंने बताया कि बताया जाता है कि प्रशासन व खनिज विभाग के द्वारा गे्रनाईट पत्थर निकालने के लिये राजस्थान की टाईल्स कंपनी को प्रशासन ने जमीन आबंटन व खनिज विभाग द्वारा लीज दिये जाने की कार्यवाही की गई है जो कि निंदनीय है एवं नियम विरूद्ध भी है।
तेज प्रताप सिंह उईके ने बताया कि अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा को अधिकार प्राप्त है। ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा सहमति पत्र के आधार पर ही और अनुसूचित क्षेत्र में लागू संवैधानिक प्रावधान अनुसार ग्राम सभा की सहमति के बिना जमीन दिया जाना व खनिज विभाग द्वारा लीज स्वीकृत किया जाना संवैधानिक नियमों के विपरीत है।
शहडोल जिला में अफसरों के द्वारा संवैधानिक प्रावधान अनुसार प्रदत्त ग्राम सभा का पालन नहीं करवाया जा रहा है। ग्रामीणों के द्वारा इस संबंध में कलेक्टर को 28 मई 2020 को पत्र लिखकर निवेदन भी किया गया है।
जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है लेकिन दल बल के साथ राजस्व व पुलिस की मौजूदगी में भय का वातावरण बनाकर सीमांकन कराने का प्रयास किया जा रहा था जो जनहित में उचित नहीं है। इस मामले में ग्रामीणों के हक अधिकार व संवैधानिक प्रावधान के अनुसार सरकार, शासन-प्रशासन से कार्यवाही करने के लिये मांग रखी जावेगी।