200 करोड़ घोटोले व निविदा प्रक्रिया की जांच कराने मुख्यंत्री हेमंत सोरेन ने आदेश
200 करोड़ रुपए के प्राक्क्लन घोटाले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करेगी जांच
जल संसाधन विभाग में पिछले तीन साल की सभी निविदाओं की होगी जांच
रांची। गोंडवाना समय।
14 वें वित्त आयोग की राशि से बनी सड़कों में गुणवत्ता की कमी समेत कई खामियां बरते जाने की शिकायते मिली है। परामर्शी एजेंसी को 40 में से 13 सड़कों का डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी परंतु डीपीआर के साथ डिजाइन और तकनीकी प्रतिवेदन नहीं है। पहले से ही बेहतर स्थिति की कई पीसीसी सड़कों को तोड़कर तथा प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर नई पीसीसी सड़क बनाने का भी आरोप लगा है।
हम आपको बता दे कि झारखंड राज्य के धनबाद नगर निगम में 14 वें वित्त आयोग की योजना में लगभग दो सौ करोड़ रुपए के प्राक्कलन घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी करेगी। ज्ञात हो कि 14 वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इनमें से कई पीसीसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी समेत कई खामियों होने की शिकायत की गई हैं।
40 स़ड़कों के निर्माण की स्वीकृति
इन 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदधिकारियों द्वारा बनाया गया और इसके डीपीआर बनाने के एवज मे कोई परामर्शी शुल्क का भुगतान किसी भी परामर्शी एजेंसी को नहीं किया गया लेकिन 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी से इसका डीपीआर और डिजाइन परामर्श शुल्क देकर तैयार कराया गया। इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपए है। लेकिन इन सड़कों के डीपीआर का अवलोकन से पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है। इसके अलावा डीपीआर में तकनीकी प्रतिवेदन भी नहीं है। इसके अलावा भी सड़कों के निर्माण में कई खामियों और तकनीकी प्रावधानों के उल्लंघन की शिकायत की गई है।
50 प्रतिशत राशि महापौर के द्वारा वसूले जाने का आरोप
धनबाद नगर निगम में 14 वें वित्त आयोग की राशि से बनने वाली सड़कों का परामर्शी से डीपीआर तैयार कराकर महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पहले से अच्छी स्थिति की पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ाकर फिर से पीसीसी सड़कों का ही निर्माण करा दिया गया। परमर्शी को परामर्शी शुल्क के रुप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर 50 प्रतिशत राशि महापौर के द्वारा वसूले जाने का आरोप है। जिन पीसीसी सड़कों का निर्माण कराया गया है, उसकी गुणवत्ता निम्नस्तरीय है।
जांच समिति को 30 जून तक प्रतिवेदन देने का निर्देश
जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पिछले तीन सालों में आमंत्रित और निष्पादित किए गए सभी निविदाओं (टेंडर) की जांच कराने का आदेश मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने दिया है। जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाना है। इस समिति को जांच कर 30 जून 2020 तक प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। इस उच्च स्तरीय समिति का गठन पथ निर्माण विभाग में गठित उच्चस्तरीय समिति के अनुरुप किया जाना है, जिसके अध्यक्ष विकास आयुक्त होते हैं।
निविदाओं में निर्धारित दरों की समीक्षा
उच्चस्तरीय समिति द्वारा विभाग में प्रचलित अनुसूचित दरों तथा उसके निर्धारण के प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। इसके साथ इसमें अगर किसी तरह की विसंगति पाई जाती है तो उसकी जांच करेगी। इसके अलावा निर्धारित किए गए अनुसूचित दरों के आधार पर निष्पादित निविदाओं के सैंपल की जांच भी होगी। इसके लिए उच्चस्तरीय समिति एक तकनीकी समिति का गठन भी कर सकती है। तकनीकी समिति के मनोनयन और उसकी संख्या का निर्धारण उच्चस्तरीय समिति ही करेगी।
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