थाना प्रभारी ने संभाली पथ संचालन की कमान तो चिकित्सालय में रखा नियमों को ताक पर
शासकीय नियमों को ताक पर रखकर किया गया पंथ संचालन
बैतुल। गोंडवाना समय।
बीते मंगलवार को आरएसएस के पदाधिकारियों ने सिस्टर्स डे सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें नियमों को ताक पर रखकर किया गया। जब कि पुरे देश सहित मध्य प्रदेश में कोविड 19 कोरोना वैश्विक महामारी के लाकडाऊन आपातकाल का समय चल रहा है।
जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों द्वारा पथ संचालन कर जिला चिकित्सालय पहुंचे परंतु इस पथ संचालन में पुलिस विभाग के गंज थाना प्रभारी संतोष कुमार पटेल ने पथ संचालन की कमान संभाली। जो कि शासकीय नियमों के विरुद्ध है। पुलिस द्वारा संघ के पथ संचालन में संघ के बैंड पर कदमताल की साथ ही जिला चिकित्सालय के प्रांगण में बैंड बजाए गये जो कि न्याय व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है जबकि जिला चिकित्सालय परिसर शांत एरिया होना चाहिए ।
जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों द्वारा पथ संचालन कर जिला चिकित्सालय पहुंचे परंतु इस पथ संचालन में पुलिस विभाग के गंज थाना प्रभारी संतोष कुमार पटेल ने पथ संचालन की कमान संभाली। जो कि शासकीय नियमों के विरुद्ध है। पुलिस द्वारा संघ के पथ संचालन में संघ के बैंड पर कदमताल की साथ ही जिला चिकित्सालय के प्रांगण में बैंड बजाए गये जो कि न्याय व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है जबकि जिला चिकित्सालय परिसर शांत एरिया होना चाहिए ।
एडव्होकेट राकेश महाले ने उठाया सवाल
भीम आर्मी प्रदेश महासचिव एडवोकेट राकेश महाले ने पंथ कार्यक्रम पर उठाये सवाल उठाते हुये कहा कि जहां पर शोसल डिस्टेंस के नियमों का पालन होना चाहिए परंतु वहां पर शोसल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाया गया। राकेश महाले ने कहा कि इस पंथ सचंलन की परमिशन किसने दिया, जबकि धारा 144 '188 के लागू रहने के बाद भी पथ संचलन की परमिशन कैसे मिली।
सब्जी बेचने वाले को वृद्ध से लगवाये थे उठक-बैठक
वहीं शासकीय कर्मचारियों, पुलिस विभाग संग के साथ मिलकर कानून की अनदेखी कर रहा है। वहीं एक 71 वर्षीय वृद्ध जो सब्जी बेचने का काम कर रहा था, उसे डंडे मारकर उठक-बैठक कर लगवाई गई। जिसका पुलिस विडियो बना कर शोसल मिडिया पर वायरल किया गया है, यह अत्यंत अमानवीय कृत्य है।
पथ संचालन की अनुमति कैसे मिली
चिकित्सालय में बैंड बजाने बजाना भी नियम विरूद्ध
यह सीधे- सीधे आरएसएस और भाजपा का भगवाकर करने का मामला है। इस तरह पंथ संचालन कि परमिशन कहा से मिली किसने दी यह भी जांच का विषय है। वहीं शासकीय चिकित्सालय में बैडं बाजे बजाना यह भी धारा 144,188 में अपराध की श्रेणी में आता है। अत इस मामले में पुलिसकर्मियों का आरएसएस के कार्यक्रम में उपस्थित हो कर पंथ संचालन करना नियम विरुद्ध है।
लॉकडाउन के उल्लंघन का दर्ज हो मामला
अत: कोरोना संकट काल लागडाऊन में इस तरह से कार्यक्रम आयोजित कर प्रशासन पुलिस विभाग ही धार्मिक कट्टरता को स्थापित कर रहा है, जो असंवैधानिक है। सविंधान इसकी इजाजत नहीं देता। पंथ सचंलन कार्यक्रम आयोजित करने वालों एवं पुलिस वालों पर धारा 144,188 के तहत लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर केश दर्ज होना चाहिए।