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क्या चोर-डकैतों के हवाले कर दिया गया है सिवनी जिले में किसानों का अनाज ?

क्या चोर-डकैतों के हवाले कर दिया गया है सिवनी जिले में किसानों का अनाज ? 

आनाज गोदाम के बाहर फेंककर भागा ट्रांसपोर्टर

कहीं सरकारी अनाज की चोरी कर भरपाई के लिए तो नहीं लाई गई थी गेंहू

सरकार भले ही ईमानदारी, सुशासन, पारदर्शिता का पाठ पढ़ाते रहे लेकिन जब तक चोर-डकैतों की तरह सरकारी योजनाओं को क्रियान्वयन करने का ठेका लेकर कुर्सी में बैठे रहने वाले जिम्मेदार के हाथों में जवाबदारी रहेगी और इन्हें भी सरकार का संरक्षण भी बराबर मिलता रहेगा। समर्थक भले ही खूब सरकार, सत्ता का सपोर्ट आंख बंद कर अंधभक्ति करते रहे लेकिन सच हमेशा सत्य होता है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है।

सिवनी। गोंडवाना समय। 
अपना खून पसीना बहाकर अनाज का उत्पादन करने वाला अन्नदाता किसान की मेहनत से उत्पादित अनाज का कृषि प्रधान देश में कितना सम्मान होता है। यह भण्डारण केंद्रों, ओपन भण्डारण केंद्र, व खरीदी केंद्रों में सुरक्षा के अभाव में अनाज सड़ाने वाले, अनाज की हेरा-फेरा करने वाले, किसानों को तरसा-तरसा कर अनाज खरीदने के बाद भुगतान की कवायद में किसानों को तरसाने वाले जिम्मेदार और सरकार चलाने वाले नहीं जान सकते। क्योंकि संसद, विधानसभा में अनाज पैदा नहीं होता वह तो किसान के खेत में पैदा होता है और अनाज की कीमत किसान से अच्छा और कोई जान सकता क्योंकि वह खेत की मिट्टी में से एक-एक दाना को समेटकर लाता है लेकिन इसे बेचने के लिये उसे कितनी मशक्कत करना पड़ता है यह भी किसान से अच्छा दूसरा नहीं जानता है। किसान की मेहतन से ऊत्पादित होने वाला अनाज को खरीदने वाले सरकारी विभाग कितना सुरक्षित और कितना सड़ाने में दिलचस्पी रखते है। यह बताने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इनके दागदार चेहरे हमेशा साफ सुथरे रहते है। 
             
अब हम बात करें सिवनी जिले की तो यहां पर किसानों की मेहनत से उत्पादित अनाज की आड़ में खरीदी केंद्र, परिवहन, भण्डारण गृह तक तीनों विभागों में कुछ भ्रष्टाचारियों के द्वारा बेखौफ किये जा रहे खेल के चलते चोर-डकैतों की भूमिका निभा रहे है। खरीदी केंद्रों में व्यापारियों का माल खपाया जा रहा है तो बेयर हाऊस में भण्डारण चोरी का अनाज भण्डारित करने का खेल करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां सरकार एक एक दाना खरीदने की बात कर रही है और किसान भी एक एक दाना खेत से समेटकर सुरक्षित लाता है लेकिन सिवनी जिले के एक बेयर हाऊस के सामने बोरो से भरे हुये गेंहू को छोड़कर भाग जाने के पीछे क्या कारण है।

जिम्मेदारों के साथ 300 ग्राम तुलाई में बोलने वाले भी चुपचाप 

हम आपको बता दे कि भीमगढ़ सोसायटी से भरा गया 280 क्विंटल गेंहू को अधिकारियों की मिलीभगत के साथ पार करने वाला ट्रांसपोर्टर अब छोटे हाथी में लेकर लाई गई गेंहू को जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे हुये वेयर हाउस के बाहर जबरन मिट्टी और पथरीली जमीन पर फेंककर चला गया है। इस मामले को लेकर वेयर हाउस संचालक सुधीर जैन द्वारा संबंधित विभागों के सभी जिम्मेदार अधिकारी सहित बंडोल पुलिस थाना को अवगत करा दिया है लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी संज्ञान न लेकर शांत बैठे हुये हैं। वहीं सबसे खास और अहम बात तो यह है कि खरीदी केेंद्रों में छोटी-छोटी तौल की गड़बड़ी जो की किसानों के साथ खुली लूट हो रही थी उस मामले में भाजपा के विधायकद्वयों ने आवाज भी उठाई और कार्यवाही भी करवाया लेकिन अब गेंहू के चोरी व खरीदी केंद्रो में व्यापारियों के अनाज खपाने के मामले क्यों चुप बैठे है, यह सवाल खड़ा हो रहा है।

जांच हो तो कई खुलासे-

गेंहू से भरा ट्रक चोरी होने का एक मामला सामने आया है। लेकिन यदि प्रत्येक वेयर हाउस में बारीकी से सरकारी अनाज के स्टॉक की पड़ताल कर ली जाए तो बड़ा खुलासा हो जाएगा। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि मिलिंग के उठाव की जा रही धान उसमे भी अधिकारियों की सेटिंग के साथ कर्मचारी गेंहू पार कर रहे है। वहीं भोमा में व्यापारी का गेंहू बेचे जाने का मामला भी दबा हुआ सा प्रतीत हो रहा है वहीं अन्य खरीदी केंद्रों में भी व्यापारियों की सेटिंग की शिकायते कम होने का नाम नहीं ले रही है, खरीदी केंद्रों में व्यापारियों का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इसके बाद भी सबके सब ईमानदार बने हुये है।

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