वंदना तेकाम की मदद से झारखंड पहुंचेंगे 32 श्रमिक
मंडला/नैनपुर। गोंडवाना समय।
झारखंड राज्य से रेलवे निर्माण का कार्य करने मंडला जिले के नैनपुर रेलवे में कार्य करने आये 32 श्रमिक झारखंड वापस जाने के लिये काफी दिनों से परेशान हो रहे थे। झारखंड राज्य के श्रमिकों ने आदिवासी सेवा मंडल की प्रदेश सचिव वंदन तेकाम से संपर्क हुआ।
इसके बाद रेलवे निर्माण कार्य में लगे हुये श्रमिकों को झारखंड वापस पहुचांने के लिये आदिवासी सेवा मंडल की प्रदेश सचिव वंदना तेकाम ने प्रयास प्रारंभ करते हुये उन्हें झारखंड वापस पहुंचाने में मदद करते हुये श्रमिकों को अपने घर झारखंड राज्य पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाया।
इसके बाद रेलवे निर्माण कार्य में लगे हुये श्रमिकों को झारखंड वापस पहुचांने के लिये आदिवासी सेवा मंडल की प्रदेश सचिव वंदना तेकाम ने प्रयास प्रारंभ करते हुये उन्हें झारखंड वापस पहुंचाने में मदद करते हुये श्रमिकों को अपने घर झारखंड राज्य पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाया।
नैनपुर रेलवे निर्माण कार्य में झारखंड से आये थे श्रमिक
झारखंड राज्य से मंडला जिले के नैनपुर में रेलवे निर्माण कार्य के लिये झारखंड से श्रमिक आये हुये थे। जहां पर उन्होंने बताया था कि उनका काम भी लगभग यहां पर पूर्ण हो चुका था। लॉकडाउन के तहत आवागमन पर प्रतिबंध लगने के कारण वह अपने राज्य झारखंड वापस नहीं जा पा रहे थे। एक प्रांत से दूसरे में जाने के कारण अनुमति मिलने अत्याधिक समस्या आ रही थी।
इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जनजागरूकता व जरूरतमंदों की सेवा करने के लिये समाज सेवा का कार्य करने वाले आदिवासी प्रदेश सचिव वंदना तेकाम से झारखंड के श्रमिकों को संपर्क हुआ और उन्होंने झारखंड राज्य की समस्या के बारे जानकारी दिया। इसके बाद फिर मध्य प्रदेश सरकार व झारखंड राज्य सरकार के सांसद व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से सोशल मीडिया व दूरसंचार के माध्यम से संपर्क कर प्रदेश सचिव वंदना तेकाम ने प्रयास करते हुये उन्हें अनुमति दिलवाकर झारखंड वापस भिजवाया।
इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जनजागरूकता व जरूरतमंदों की सेवा करने के लिये समाज सेवा का कार्य करने वाले आदिवासी प्रदेश सचिव वंदना तेकाम से झारखंड के श्रमिकों को संपर्क हुआ और उन्होंने झारखंड राज्य की समस्या के बारे जानकारी दिया। इसके बाद फिर मध्य प्रदेश सरकार व झारखंड राज्य सरकार के सांसद व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से सोशल मीडिया व दूरसंचार के माध्यम से संपर्क कर प्रदेश सचिव वंदना तेकाम ने प्रयास करते हुये उन्हें अनुमति दिलवाकर झारखंड वापस भिजवाया।
मुझे श्रमिकों को झारखंड पहुचांने में सहयोग का अवसर मिला
वंदना तेकाम ने गोंडवाना समय से चर्चा में बताया कि झारखंड राज्य की सांसद गीता कोड़ा जी से संपर्क करने के बाद एवं झारखंड राज्य के चाईबासा जिले से 32 मजदूर जो नैनपुर रेलवे के लिए काम कर रहे थे। इस महामारी के समय अपने घर जाना चाहते थे, पर कहीं से मदद नहीं मिली उन्होंने मुझसे संपर्क किया।
मैने अपने परिचित लीला प्रसाद जी जो कि झारखंड में जी एम रह चुके है, उनकी सहायता लिया। जिन्होंने वहा से सांसद एवं डी सी का नम्बर दिया। मैने जब दोनों जगह बात की तो उनका जवाब बहुत ही सकारात्मक रहा। चूंकि मध्य प्रदेश से दूसरे राज्य तक श्रमिकों को पहुंचना था। इसके लिए मैने मंडला से श्री संदीप सिंह से संपर्क किया। जिन्होंने तुरंत ही श्रमिकों को बॉर्डर तक पहुंचने की व्यवस्था करने में सहयोग प्रदान किया। झारखंड राज्य के 32 श्रमिक मंडला जिला प्रशासन व हम सभी की सहायता से घर तक पहुंच जाएंगे।
मैने अपने परिचित लीला प्रसाद जी जो कि झारखंड में जी एम रह चुके है, उनकी सहायता लिया। जिन्होंने वहा से सांसद एवं डी सी का नम्बर दिया। मैने जब दोनों जगह बात की तो उनका जवाब बहुत ही सकारात्मक रहा। चूंकि मध्य प्रदेश से दूसरे राज्य तक श्रमिकों को पहुंचना था। इसके लिए मैने मंडला से श्री संदीप सिंह से संपर्क किया। जिन्होंने तुरंत ही श्रमिकों को बॉर्डर तक पहुंचने की व्यवस्था करने में सहयोग प्रदान किया। झारखंड राज्य के 32 श्रमिक मंडला जिला प्रशासन व हम सभी की सहायता से घर तक पहुंच जाएंगे।
आदिवासी सेवा मंडल की प्रदेश सचिव वंदना तेकाम ने बताया कि अभी तक मैंने दूसरे राज्यो ओर जिलों से संपर्क कर अपने राज्य के लोगो को लाने का प्रयास किया और काफी सफल रही पर आज बहुत खुशी हो रही दूसरे राज्य के श्रमिकों को घर पहुचांने में सहयोग करने का अवसर मुझे मिला। वहीं उन्होंने बताया कि श्रमिकों को समस्याओं के संबंध में सूचना मुझे नैनपुर निवासी पंकज दयार्नी ने सबसे पहले दिया था।