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शिवराज में थम सकते है 18 मई से जननी एक्सप्रेस के पहिये

शिवराज में थम सकते है 18 मई से जननी एक्सप्रेस के पहिये 

कोरोना महामारी के समय स्वास्थ्य सेवाओं में पड़ सकता है विपरीत असर 

कंपनी के मनमाफिक दबाव से परेशान है जननी एक्सप्रेस के संचालक 

पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से एंबुलेंस संचालन का खर्च भी बढ़ा 
एन.एच.एम और स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाया समस्या और दी जानकारी 

सिवनी/भोपाल। गोंडवाना समय। 
मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के दौर में जहां 108 जननी एक्सप्रेस वाहन दिन रात स्वास्थ्य सेवाओं के लिये निरंतर सेवा दे रही है। वहीं इनको संचालित करने वाली कंपनी जिकित्जा हेलथ केयर लिमिटेड मुंबई की दमनकारी नीतियों से तंग आकर मध्य प्रदेश भर के जननी वेंडर्स 18 मई 2020 से मध्य प्रदेश में बंद करने की तैयारी में है। 

अस्पताल तक पहुंचाने में मध्य प्रदेश के जननी वेंडर्स 24 घंटे कर्तव्य निभा रहे है

मध्य प्रदेश में जननी एक्सप्रेस का टेंडर मध्य प्रदेश सरकार से जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड मुंबई को मिला हुआ है। जिसने स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली राशि से लगभग आधी कीमत पर 800 जननी एक्सप्रेस के संचालन का जिम्मा मध्य प्रदेश भर में वेंडर्स को सौंपा है।
          वहीं तीन वर्षों से अधिक से अधिक समय से जिम्मेदारीपूर्वक सेवा संचालन करने एवं शासन द्वारा चलाई जा रही, स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण व अति आवश्यक सेवा करते हुये अस्पताल तक पहुंचाने में मध्य प्रदेश के जननी वेंडर्स 24 घंटे कर्तव्य निभा रहे है। 

कर्मचारियों का वेतन और गाड़ियों की किस्त जेब से भरना पड़ रहा 

जननी एक्सप्रेस के संचालकों को ऐसे में पिछले कुछ महीनों से कंपनी ने अनावश्यक दबाव और पेमेंट में मनमाफिक कटौती कर इनको परेशान करना प्रारंभ कर दिया है। जिसके कारण गाड़ियों का पेट्रोल खर्च और मेंटनेंस भी मुश्किल से निकल पा रहा है। इसके साथ ही लाभ होने की वजाय कर्मचारियों का वेतन और गाड़ियों की किस्त जेब से भरना पड़ रहा है। 

कंपनी ने एग्रीमेंट से हटके ट्रिप सिस्टम कर दिया लागू 

कंपनी ने अब घटिया किस्म के जीपीएस से बिलिंग लेना शुरू किया है वहीं एग्रीमेंट से हटके ट्रिप सिस्टम लागू कर दिया है। जिससे एक गाड़ी पर हजार से साढ़े तीन हजार किलोमीटर तक का नुकसान होता है जिससे मासिक राशि में पैंतीस ेस चालीस हजार रूपये की बिलिंग कम हो जाती है।
        इस घटिया जीपीएस से एंबूलेंस की वास्तविक लोकेशन भी ज्ञात नहीं होती जिस वजह से 108 कॉल सेंटर एंबूलेंस चलाते हुये पायलेट को कई कई बार वे वजह कॉल करते है जिससे जननी एक्सप्रेस की दुर्घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से एंबुलेंस संचालन का खर्च भी अत्याधिक बढ़ गया है। वहीं कंपनी ने वार्षिक इंक्रीमेंट राशि भी नहीं बढ़ाया है जो कि पिछले कई महिनों से लंबित है। 

एन.एच.एम और स्वास्थ्य मंत्री को समस्याओं से कराया अवगत 

इन सभी कारणों से आर्थिक नुकसान में काम करने वाले जननी एक्सप्रेस वेंडर्स अब मध्य प्रदेश भर की 108 जननी एक्सप्रेस को 18 मई से बंद कर आंदोलन की शुरूआत करेंगे। जननी एक्सपे्रेस संघ के अध्यक्ष अमित घोगरकर ने बताया कि जिकित्जा हेल्थ केयर प्राईवेट लिमिटेड मुंबई के आला अधिकारियों ने जब संघ की जायज मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो एन.एच.एम और स्वास्थ्य मंत्री को इस विषय में संज्ञान में लाकर मध्य प्रदेश भर में संघ के द्वारा बंद की तैयारी पूरी कर ली गई है।
              अब 15, 16 और 17 मई को एंबुलेंस गाड़ियों में पोस्टर लगाकर तथा एंबुलेंस चालक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही समय से पहले हमारी समस्याओं की ओर कंपनी की तरफ से ध्यान नहीं दिया गया तो 18 मई से मध्य प्रदेश भर की जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवा अनिश्चितकाल के लिये बंद कर दी जायेगी। इस आपतकालीन सेवा के बंद होने वाली आम जनमानस को असुविधा के लिये भी संघ अपनी मजबूरी बताकर खेद जताया है। 

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