छिंदवाड़ा से डीपीसी का आवागमन तो अवकाश के बाद 11 से 25 अप्रैल तक हस्ताक्षर
कोरोना इन्फेक्टेड जिले से आवागमन कर रहे सिवनी जिले के डीपीसी
मुख्यालय छोड़ने के आदेश न होने के बावजूद उड़ाई जा रही धज्जियां
सिवनी। गोंडवाना समय।
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश मे लॉक डाउन चल रहा है। दूसरे जिले के आवागमन वाली सड़कों पर चैकपोस्अ बनाये गये और प्रवेश करने वालों को रोका जा रहा है प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। सिवनी जिला प्रशासन ने भी नागपुर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट जिले की सीमा पर अधिकारी, कर्मचारी से लेकर पुलिस प्रशासन की भी तैनाती कर दी गई है ताकि सिवनी जिला कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा रहे लेकिन सिवनी जिले के डीपीसी सरकारी आदेशो की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना इन्फेक्टेड जिला छिंदवाड़ा से आवागमन कर रहे है। सबसे अहम बात तो यह है अधिकारी, कर्मचारियों को मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश हैं। इसके बावजूद डीपीसी जे के इड़पाचे कई मर्तबा सिवनी से छिंदवाड़ा आवागमन कर चुके है।
अटेच वाहन से आना जाना
डीपीसी कार्यालय में अटेच जबलपुर पासिंग के वाहन से डीपीसी सिवनी से छिंदवाड़ा आना जाना कर रहे है। विभागीय सूत्रों की माने तो 30 अप्रैल को सिवनी से छिंदवाड़ा गए है। एक मई को भी कार्यालय में उपस्थित रहने की बजाय छिंदवाड़ा में है।
डरे सहमे है कार्यालय के कर्मचारी
कोरोना इन्फेक्टेड छिंदवाड़ा से आवागमन कर रहे डीपीसी जे के इड़पाचे के कार्यालय में मौजूद हर एक अधिकारी-कर्मचारी डरे और सहमे हुए है। डीपीसी की लापरवाही, जिला प्रशासन की चौक चौबंध व्यवस्था पर सवाल भी खड़ा कर रहे है।
अवकाश के बावजूद हस्ताक्षर
सूत्र बताते है कि डीपीसी जे के इड़पाचे के किसी परिजनों की मृत्यू हो जाने से डीपीसी 11 अप्रैल से 25 अप्रैल तक अनुमति लेकर अवकाश में होना बताया जा रहा है। इसके बावजूद सिवनी पहुंचकर डीपीसी जे के इड़पाचे ने अवकाश के दिन में भी उपस्थिति दर्शाकर उपस्थिति पंजीयक रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दिया है। प्रशासन के द्वारा बनाये गये नियमों को नागरिक तो मान रहे है जो उल्लंघन कर रहे है उन पर कार्यवाही भी हो रही है लेकिन सरकारी अधिकारी भी इस तरह की लापरवाही कर रहे है तो फिर इन पर क्या कार्यवाही होना चाहिये।