मोबाइल रक्त संग्रह वैन और लाने-छोड़ने जैसी विभिन्न सुविधाओं के माध्यम से स्वैच्छिक रक्तदाताओं की व्यवस्था बनाते हुए रक्ताधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए पर्याप्त रक्त स्टॉक रखें
कोविड-19 से स्वस्थ्य हुए रोगियों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि उनके रक्त से स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी प्लाज्मा का उपयोग कॉरोना प्रभावित रोगियों को शीघ्र स्वस्थ्य करने में किया जा सके
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने निर्माण भवन में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संपूर्ण भारत से समर्पित रेड क्रॉस योद्धाओं का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, मंत्री महोदय ने कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी। वार्तालाप के दौरान, ओडिशा, तमिलनाडु, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, असम, तेलंगाना, दिल्ली और कर्नाटक से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के प्रतिनिधियों ने अपनी संबंधित शाखाओं द्वारा की गई गतिविधियों के संबंध में मंत्री महोदय को अवगत कराया। इस अवसर पर, आईआरसीएस के महासचिव श्री आर.के जैन भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने निर्माण भवन में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संपूर्ण भारत से समर्पित रेड क्रॉस योद्धाओं का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, मंत्री महोदय ने कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी। वार्तालाप के दौरान, ओडिशा, तमिलनाडु, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, असम, तेलंगाना, दिल्ली और कर्नाटक से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के प्रतिनिधियों ने अपनी संबंधित शाखाओं द्वारा की गई गतिविधियों के संबंध में मंत्री महोदय को अवगत कराया। इस अवसर पर, आईआरसीएस के महासचिव श्री आर.के जैन भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ही दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने समय को बर्बाद किए बिना कोविड-19 संकट से निपटने की तैयारी की। भारत ने ही दुनिया के समक्ष कोरोना वायरस के बारे में चीन के प्रथम खुलासे पर अग्रसक्रिय होते हुए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगले ही दिन भारत ने स्थिति की निगरानी के लिए कदम उठाए और पहली संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा श्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का भी गठन किया गया, ताकि बढ़ती हुए स्थिति के अनुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकें। उन्होंने कहा कि देश भर में घातक वायरस से निपटने के लिए अत्यधिक सजग संघर्ष की दिशा में यह पर्याप्त और महत्वपूर्ण कदम था।
उन्होंने कहा कि भारत ने ही कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिक निभाई और सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों, पड़ोसी देशों के साथ लगी भू-सीमाओं पर निगरानी और निरीक्षण एवं संपर्क ट्रेसिग जैसे आदर्श पूर्वाभासी एहतियाती कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को 23 मार्च 2020 की सुबह से भारत के सभी हवाई अड्डों पर न उतरने का निर्देश दिया गया।
श्री हर्षवर्धन ने कहा कि पहले कोविड-19 नमूनों को परीक्षण के लिए अमेरिका भेजा गया था, जिससे परिणामों के आने में काफी समय लगता था, लेकिन वर्तमान संकट के दौरान, भारत ने नमूनों के परीक्षण के लिए लगभग 200 प्रयोगशालाएं विकसित कर ली हैं। इसके अलावा, भारत ने इस खतरनाक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सही समय पर लॉकडाउन लागू किया। उन्होंने आगे बताया कि अभी भारत में कोविड-19 समर्पित अस्पताल, पीपीई, एन-95 मास्क, वेंटिलेटर और दवाऐं पर्याप्त मात्रा में हैं। श्री हर्षवर्धन ने कहा कि बाकी दुनिया की तुलना में हम बेहतर स्थिति में हैं।
उन्होंने प्रतिनिधियों को स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहन देने और रक्तदाताओं को लाने और छोड़ने की सुविधा प्रदान करते हुए पर्याप्त मात्रा में रक्त स्टॉक रखने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी को नियमित रक्तदाताओं के परिसरों पर ही मोबाइल रक्त संग्रह वैन भेजने के लिए कहा ताकि वे जरूरत के इस समय में रक्तदान के लिए आगे आ सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को भी लिखा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आईआरसीएस से आग्रह किया कि वे कोविड-19 से स्वस्थ हुए रोगियों से रक्तदान के लिए आगे आने के लिए संपर्क करें, जिससे कोरोना प्रभावित रोगियों का शीघ्र उपचार करने हेतु स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी उनके रक्त प्लाज्मा का उपयोग किया जा सके। आईआरसीएस इस दिशा में शीघ्रता से शुरूआत कर सकता है ताकि स्वस्थ हुए रोगियों से एकत्र रक्त को कोरोना रोगियों के लाभ के लिए रक्ताधान के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि वास्तव में कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारतीय रेड क्रॉस बंधुओं ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और उनका यह योगदान सराहनीय है। इसके साथ-साथ, अस्पतालों के लिए उपकरण, सैनिटाइज़र, भोजन, पीपीई किट और एन-95 मास्क आदि प्रदान करने में भी उनका योगदान प्रशंसनीय है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अधिक से अधिक संबंधित लोगों को शामिल करने में सहायता करने के उद्देश्य से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से देश भर में रेड क्रॉस सदस्यों के साथ वार्तालाप के दौरान यह विचार व्यक्त किए।
आईआरसीएस के महासचिव श्री आर.के जैन ने कहा कि एक बार फिर से रेड क्रॉस सदस्यों ने कोविड-19 के प्रभाव को कम करने की इस चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ कार्य करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के 215 देशों में फैले कोविड-19 संक्रमण को समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय रेड क्रॉस एक स्वैच्छिक मानवीय संगठन है, जिसका संपूर्ण देश में 1100 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है, और यह आपदाओं/आपात स्थितियों के समय मदद प्रदान करने के अलावा लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है। भारतीय रेड क्रॉस का मिशन सहायक मानवीय गतिविधियों के सभी रूपों को प्रेरित, प्रोत्साहित और इस दिशा में पहल करना है ताकि मानव पीड़ा को न्यूनतम किया जा सके।
वार्तालाप के समापन पर, डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए उन्हें अच्छे कार्यों को जारी रखने और कोविड-19 के खिलाफ किए जा रहे अथक प्रयासों के लिए बधाई दी।