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किसान अपनी उपज सरलता से विक्रय कर सकेंगे

किसान अपनी उपज सरलता से विक्रय कर सकेंगे

राज्य शासन ने क्रय-विक्रय प्रक्रिया का किया सरलीकरण

भोपाल। गोंडवाना समय।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों की उपस्थिति कम से कम रखने के उद्देश्य से कृषि उपज क्रय-विक्रय प्रक्रिया का शासन द्वारा सरलीकरण किया गया है। किसान को उसके घर से ही उपज विक्रय के विकल्प प्रदान कर संकट की इस घड़ी में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये शासन दृढ़ संकल्पित है।

प्रायवेट खरीदी केन्द्र

मंडियों में क्रय-विक्रय के अलावा प्रायवेट खरीदी केन्द्र भी खोले गये हैं। कोई भी व्यक्ति, फर्म, संस्था अथवा प्र-संस्करणकर्ता संबंधित मंडी में 500 रुपए देकर अनुमति ले सकता है। यदि वह मंडी लायसेंसी है, तो अलग से प्रतिभूति जमा करने की आवश्यकता नहीं है, किन्तु लायसेंसी नहीं है तो उसे एक दिन की खरीदी का घोषणा-पत्र देकर प्रतिभूति जमा करना होगी। प्रतिभूति नगद/बैंक ड्राफ्ट / चैक / आरटीजीएस / एनईएफटी/ बैंक गारंटी के रूप में दे सकता है। प्रायवेट खरीदी केन्द्र पर पर्याप्त खुला स्थान होना चाहिये ताकि सोशल डिस्टेंसिंग तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शासन द्वारा जारी निदेर्शों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

सौदा-पत्रक के माध्यम से क्रय-विक्रय

शासन द्वारा जारी निदेर्शों के अनुसार जो किसान किसी कारण से मंडी में अपनी उपज नहीं ला सकते हैं, वो अपनी उपज का नमूना मण्‍डी में लाकर उसके आधार पर घोष विक्रय करा सकेंगे। मंडी के बाहर स्वीकृत खरीदी केन्द्र में सीधे विक्रय कर सकते हैं। मंडी प्रांगण के बाहर किसान एवं व्यापारी आपसी सहमति से भी उपज का क्रय-विक्रय कर सकते हैं। इसका रिकार्ड कृषि उपज मंडी संधारित करेगी। व्यापारी द्वारा किसानों को भुगतान किये जाने के बाद ही उपज का परिवहन किया जाएगा।

ई-नाम पोर्टल तथा मार्कफेड एग्री बाजार से क्रय-विक्रय

मंडी के ई-नाम पोर्टल पर किसान अपना पंजीयन करा के उपज की फोटो तथा गुणवत्ता की जानकारी अपलोड करेंगे। रजिस्टर्ड व्यापारी को विक्रय प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किसान की सहमति होने पर उपज का आॅनलाइन विक्रय किया जाएगा। किसान रजिस्टर्ड एफपीओ के माध्यम से भी ई-नाम पोर्टल पर उपज की जानकारी भरकर विक्रय कर सकते हैं। मध्य प्रदेश में मार्कफेड द्वारा कृषि उपज बेचने के लिये 'मार्कफेड एग्री बाजार' मॉडल तैयार किया गया है। इसमें सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि उपज बेची जा सकती है।

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