राशन कार्ड वाले गैर-एनएफएसए लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा
एफसीआई ने देश भर में लगभग 2.16 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न ले जाने वाले 77 रेक परिवहन का नया रिकॉर्ड बनाया
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को निर्देश दिया है किउन सभी लाभार्थियों को 3 महीने तक 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए जो एनएफएसए के दायरे में नहीं आते लेकिन राज्य सरकारों द्वारा उनकी योजनाओं के तहत राशन कार्ड जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि देश भर में सभी लाभार्थियों को समान रूप से 21 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर गेहूं और 22 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर चावल उपलब्ध कराया जाए।राज्यों को जून 2020 तक 3 महीने में स्टॉक को एक ही बार या मासिक आधार पर उठाने का विकल्प दिया गया है।
भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को निर्देश दिया है किउन सभी लाभार्थियों को 3 महीने तक 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए जो एनएफएसए के दायरे में नहीं आते लेकिन राज्य सरकारों द्वारा उनकी योजनाओं के तहत राशन कार्ड जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि देश भर में सभी लाभार्थियों को समान रूप से 21 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर गेहूं और 22 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर चावल उपलब्ध कराया जाए।राज्यों को जून 2020 तक 3 महीने में स्टॉक को एक ही बार या मासिक आधार पर उठाने का विकल्प दिया गया है।
सरकार ने राहत कार्यों में शामिल गैर सरकारी संगठनों/ धर्मार्थ संगठनों की मदद करने के लिए उन्हें 21 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर गेहूं और 22 रुपये प्रति किलोग्राम दर पर चावल उपलब्ध कराने के लिए एफसीआई को निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि देश भर में काम करने वाले ऐसे सभी गैर सरकारी संगठनों/ धर्मार्थ संगठनों को समान रूप से इन दरों पर गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जाए जिसके लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। इन निर्देशों से देश में खाद्यान्नकी आपूर्ति की स्थिति पर एक उल्लेखनीय प्रभाव पड़ने की उम्मीद हैताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समाज के हर वर्ग को कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उचित मूल्य पर पर्याप्त खाद्यान्न मिल सके।
एफसीआई द्वारा देश भर में खाद्यान्न स्टॉक को स्थानांतरित करने के लिए किए जा रहे व्यापक कार्यक्रम के तहत 5.3 लाख उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के माध्यम से 81 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा प्रणाली को चलाने के लिए एक कीर्तिमान स्थापित किया गया था। यह कीर्तिमान 09.04.20 उस समय बना जब एजेंसी ने 2.16 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की ढुलाई 77 रेक के जरिये की। इसके साथही लॉकडाउन के बाद एफसीआई द्वारा कुल 25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की ढुलाई की जा चुकी है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)के तहत3 महीने के दौरान प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज के हिसाब से कुल 1.21 करोड़ मीट्रिक टन खाद्यान्न 81 करोड़ लोगों को आपूर्ति की जा रही है। एफसीआई अपनी वितरण योजनाओं के अनुसार हर राज्य में इतनी बड़ी मात्रा में अनाज की आपूर्ति करने संबंधी चुनौती को पूरा करने के लिए से तैयार है। पीएमजीकेवाई के तहत राज्य की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अप्रैल के अंत तक पश्चिम बंगाल में 6 एलएमटी सेला चावल की रिकॉर्ड मात्रा को स्थानांतरित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा से सेला चावल को स्थानांतरित करने के लिए योजनाओं पर काम किया गया है क्योंकि ये राज्य राष्ट्रीय भंडार में सेला चावल का अधिकतम योगदान करते हैं। हालांकिराज्य में सेला चावल के लिए पर्याप्त भंडारण के लिए स्थान बनाने के लिएएफसीआई ने पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपने गोदामों से उपलब्ध गेहूं के स्टॉक को उठाने में तेजी लाए।
लॉकडाउन के बाद अभूतपूर्व स्तर पर स्टॉक के परिवहन की तैयारी के साथही एफसीआई ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में चावल की खरीद कर रहा है। साथ ही वह प्रमुख खरीद वाले राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, यूपी, राजस्थान आदि में सर्दियों की फसल गेहूं की खरीद शुरू करने के लिए भी तैयार है। सामाजिक दूरी जैसे सुरक्षा संबंधी राज्य सरकारों के प्रोटोकॉल के अुनसार खरीद योजनाएं तैयार की जा रही हैं। रबी सीजन के दौरान लगभग 40 एमएमटी गेहूं और 9 एमएमटी चावल की अनुमानित खरीद के साथराष्ट्रीय भंडार में योगदान सुनिश्चित किया जाएगा कि देश की खाद्य सुरक्षा को कोई खतरा न हो।