राशन का गेंहू, उपार्जन केंद्र में जप्त, सेल्समेन ने किया खेल
खाद्य विभाग की सांठगांठ से छीन रहे गरीबों का निवाला
स्वयं के खेत में पका गेंहू के साथ मिलाकर ले गया उपार्जन केंद्र
सिवनी। गोंडवाना समय।
सरकार गरीबों व जरूरतमंदों के नाम पर कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुये संकट के समय उपभोक्ताओं को गेंहू चावल विरतण करने के लिये पहुंचा रही है। इनकी निगरानी और वितरण करने वालों की सांठगांठ के चलते यह जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है। हां लेकिन कागजी आंकड़े जरूरतमंदों को उपलब्ध कराये जाने का ग्राफ बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
संकट के समय जहां सरकार जरूरतमंदों को पूर्ति नहीं कर पा रही है तो वहां पर समाजसेवकों और मानव सेवा में अग्रणी रहने वाले नागरिकों के द्वारा जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। वहीं दूसरी और खाद्य विभाग व राशन दुकानों के सेल्समेनों की सांठगांठ निवाला छीनने की आदत में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। इनकी पक्की दोस्ती संकट के समय भी पूरा साथ निभा रही है मतलब जरूरतमंदों के हलक में निवाला निकालने में खाद्य विभाग और राशन दुकान के अधिकांश संचालन कर्ताओं की दोस्ती को कोई तोड़ भी नहीं सकता है इनका गठबंधन इतना मजबूत है।24 अप्रैल को खेत का गेंहू बेचने ले गया था उपार्जन केंद्र
हम आपको बता दे कि ग्राम पंचायत नसीपुर में दुर्गा स्व सहायता समूह के परिवारिक सदस्य के द्वारा अपने खेत के गेंहू को 24 अप्रैल को उपार्जन केंद्र पहुंचाया गया था। जिसमें बड़ी ही चतुराई के साथ राशन दुकान का लगभग 27 कट्टी से अधिक गेंहू को भी मिला दिया गया था। जिसे देखने के बाद उपार्जन केंद्र में लेने से इंकार कर दिया गया था।
गेंहू में मिले हुये थे चावल के दाने
ग्राम नसीपुर में दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा राशन वितरण का कार्य एवं संचालन किया जाता है। जिसमें से लगभग 27 से अधिक कट्टी गेंहू कि अधिक मात्रा में भरवाकर उपार्जन केंद्र भिजवाया गया। जिमसें गेंहू के साथ साथ चावल के दाने मिक्स पाया गया जिससे संदेह हुआ और उपार्जन केंद्र के लेने से इंकार किया गया तो राशन दुकान का गेंहू होने की वास्तविकता सामने आ गई।
27 अप्रैल को बनाया जप्तीनाम
कोरोना 19 के तहत शासन के द्वारा गरीबों को बांटने आया था। जिसे ब्लेक में उपार्जन केंद्र में बेचा जा रहा था। उपार्जन केंद्र में जाकर उपार्जन केंद्र के समक्ष जप्ती बनाया गया है। इसकी बकायदा वीडियोरिकार्डिगं भी की गई है। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है। हस्ताक्षर करने वाले ग्रामीणों में विजय भगत, पतिराम भगत, अमित भगत, विजेन्द्र बोरकर सहित अन्य शामिल है।