प्रीपेड मोबाईल रिचार्ज, वरिष्ठ नागरिकों की घर में देखभाल, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट
शहरी इलाकों में वरिष्ठ नागरिकों की घर में देखभाल करने वालों, प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज जैसी जनोपयोगी सेवाओं, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए लागू लॉकडाउन प्रतिबंधों से छूट दी गई
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
गृह मंत्रालय ने कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के संबंध में समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों के अंतर्गत कुछ गतिविधियों को छूट देने का आदेश जारी किया है (https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHA%20order%20dt%2015.04.2020%2C%20with%20Revised%20Consolidated%20Guidelines_compressed%20%283%29.pdf) उपरोक्त आदेशों के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों में जिन श्रेणियों के भीतर विशिष्ट सेवाओं / गतिविधियों को पहले से ही छूट दी गई है उसके संबंध में कुछ प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में, स्पष्ट किया जाता है कि :-
गृह मंत्रालय ने कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के संबंध में समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों के अंतर्गत कुछ गतिविधियों को छूट देने का आदेश जारी किया है (https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHA%20order%20dt%2015.04.2020%2C%20with%20Revised%20Consolidated%20Guidelines_compressed%20%283%29.pdf) उपरोक्त आदेशों के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों में जिन श्रेणियों के भीतर विशिष्ट सेवाओं / गतिविधियों को पहले से ही छूट दी गई है उसके संबंध में कुछ प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में, स्पष्ट किया जाता है कि :-
- धारा 8 (i) के अंतर्गत सामाजिक क्षेत्र में अपने घरों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के बेड साइड अटेंडेंट और उनकी देखभाल करने वाले शामिल हैं।
- धारा 11 (v) के अंतर्गत सार्वजनिक उपयोगिताओं में प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रिचार्ज सुविधाएं शामिल हैं।
- धारा 13 (i) के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में शहरी क्षेत्रों में स्थित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ जैसे डबलरोटी के कारखाने, दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र, आटा मिलें, दाल मिलें आदि शामिल हैं।
हालांकि, जैसा कि लॉकडाउन उपायों में निर्दिष्ट किया गया है, कार्यालयों, कार्यशालाओं, कारखानों और प्रतिष्ठानों में एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय कोविड-19 निर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सभी राज्यों को सूचित किया गया है कि वे उपरोक्त के अनुसार जिला अधिकारियों और फील्ड एजेंसियों को सूचित करें, ताकि जमीनी स्तर पर संशय से बचा जा सके।