बारिक गेंहू विक्रय को लेकर किसान बैचेन
किसान प्राकृतिक आपदा के बाद खरीदी केंद्र में इंकार से परेशान
हिनोतिया क्षेत्र के किसान समस्याओं को लेकर कर सकते है जल्द बैठक
सिवनी। गोंडवाना समय।
प्राकृतिक आपदा के कारण हिनोतिया क्षेत्र के तीन ग्रामों के किसान हिनोतिया खरीदी केद्र में खरीदी प्रारंभ नहीं होने से परेशान है, उन्होंने गोंडवाना समय को चर्चा में बताया कि हमारे यहां पर खरीदी केंद्र का ताला नहीं खुला है और हमें छुई खरीदी केंद्र में विक्रय करने के लिये संदेश आये है लेकिन उनमें से कुछ किसानों के मैसेज आने के बाद छुई खरीदी केंद्र में जाने पर गेंहू के बारिक होने के कारण खरीदी करने से मना कर दिया गया है। जिससे किसान चिंतित है हालांकि किसानों की गेंहू पतला होने की समस्या से क्षेत्र के विधायक ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत करवा चुके है जिस पर उन्होंने समस्या का समाधान का आश्वासन भी दिया है।
प्राकृतिक आपदा में 60 प्रतिशत नुकसान बना मुसीबत
हिनोतिया क्षेत्र के किसानों की समस्या के संबंध में गोंडवाना समय से क्षेत्रिय किसान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण गेंहू बारिक उत्पादित हुई है। वहीं प्राकृतिक आपदा के बाद नुकसानी का सर्वे में आरआई व पटवारी के द्वारा 60 प्रतिशत नुकसान लिखने के कारण मुसीबत बन गई है। वैसे भी हमारे यहां हिनोतिया में खरीदी केंद्र है जहां पर खरीदी होती थी लेकिन इस बार खरीदी केंद्र नहीं खोला गया है इसके पहले भी वर्ष 2017 में प्राकृतिक आपदा के कारण खरीदी नहीं हुई थी लेकिन उसके बाद के वर्ष में खरीदी हुई है। हमारे यहां के किसानों को छुई में गेंहू बेचने के लिये जाना है लेकिन जिन्हें मैसेज आये थे उनमें से कुछ किसानों के सैंपल देखकर गेंहू खरीदने से इंकार कर दिया गया है। जिससे हिनोतिया क्षेत्र के अधिकांश किसान चिंता में डूब गये है।
सर्वे हुआ, मुआवजा मिला नहीं अब बारिक गेंहू को देखकर परेशान
हिनोतिया खरीदी केंद्र के अंतगर्ब हिनोतिया, खिरकीरांझी, नरवाखेड़ा गांव के किसान शामिल है। बीते दिनों प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि में गेंहू की फसल को नुकसान हुआ था। किसानों की फसलों का सर्वे राजस्व विभाग के द्वारा किया गया है। किसानों का कहना है कि नुकसान का सर्वे किया जाकर लगभग 60 प्रतिशत तक नुकसानी का आंकलन किया गया है। फसल नुकसानी का मुआवजा तो अभी तक नहीं मिला है वहीं प्राकृतिक आपदा से बारिक गेंहू के उत्पादन होने के बाद बेचने को लेकर किसान बैचेने है।