7 हजार श्रमिकों को 70 लाख रूपए अंतरित
प्रत्येक श्रमिक को दिए गए एक-एक हजार रूपए
भोपाल। गोंडवाना समय।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर लॉकडाउन के कारण मध्यप्रदेश में फंसे 22 राज्यों के 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को 70 लाख रूपए की सहायता राशि उनके खातों में अंतरित कर दी गई है। इनमें मध्यप्रदेश के अपंजीकृत 245 निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं। दूसरे राज्यों के मध्यप्रदेश में फंसे प्रत्येक श्रमिक को एक-एक हजार रूपए की राशि उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भिजवाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे चिंता न करें। मध्यप्रदेश सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी। उनके भोजन, आवास आदि की सारी व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर लॉकडाउन के कारण मध्यप्रदेश में फंसे 22 राज्यों के 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को 70 लाख रूपए की सहायता राशि उनके खातों में अंतरित कर दी गई है। इनमें मध्यप्रदेश के अपंजीकृत 245 निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं। दूसरे राज्यों के मध्यप्रदेश में फंसे प्रत्येक श्रमिक को एक-एक हजार रूपए की राशि उनकी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भिजवाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे चिंता न करें। मध्यप्रदेश सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी। उनके भोजन, आवास आदि की सारी व्यवस्था मध्यप्रदेश सरकार कर रही है।
निगरानी के लिये सात वरिष्ठ अधिकारियों को भी किया गया तैनात
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में रुके प्रदेश के मजदूरों को उनके रूकने एवं भोजन व्यवस्था के लिए उनके खातों में एक-एक हजार रुपए जमा कराये जायेंगे। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें और अधिक राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अन्य प्रदेशों में इन व्यवस्थाओं की निगरानी के लिये सात वरिष्ठ अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।
सांसद व विधायक भेजे ऐसे प्रभावित मजदूरों की सूची
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के कारण उनके प्रदेश में रुके मध्य प्रदेश के मजदूरों के रुकने एवं राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चर्चा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सांसदों और विधायकों से उनके क्षेत्र के ऐसे प्रभावित मजदूरों की सूची शीघ्र भेजने के लिए कहा जा रहा है। जैसे-जैसे सूची आती जायेगी, नाम आते जायेंगे, हम यह राशि उन मजदूरों के खातों में हस्तांतरित करते जायेंगे।
मजदूरों को राशन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में फसल कटाई के बाद मजदूरों के पास काम समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि मैंने कलेक्टर्स को ऐसे मजदूरों के रुकने एवं राशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मजदूरों की व्यवस्था के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है।
राशन कार्ड धारियों को फ्री मिलेगा 2 माह का राशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड धारकों को इस माह से दो माह के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन नि:शुल्क दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसमें एक किलो दाल और गेहूँ-चावल दिया जाएगा। इसके अलावा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिये राशन की व्यवस्था की जा रही है।
राज्य शासन ने कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉक-डाउन की स्थिति में अन्य राज्यों में रुके मध्यप्रदेशवासियों की बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं के निराकरण के लिये भारतीय प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रमुख सचिव, लोक निर्माण श्री मलय श्रीवास्तव को गुजरात एवं राजस्थान, प्रमुख सचिव एमएसएमई श्री मनु श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री नीरज मंडलोई को दिल्ली एवं हरियाणा, प्रमुख सचिव जन-जातीय कार्य श्रीमती दीपाली रस्तोगी को महाराष्ट्र, श्रीमती आइरिन सिंथिया संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र को तमिलनाडु, प्रबंध संचालक म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी जबलपुर श्री वी. किरण गोपाल को आंध्रप्रदेश और तेलंगाना तथा मुख्यमंत्री के उप सचिव श्री इलैया राजा टी को कर्नाटक तथा गोवा राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संबंधित अधिकारी आवंटित राज्यों में मध्यप्रदेश के रुके हुए नागरिकों की भोजन/आश्रय आदि की उपलब्धता के संबंध में प्राप्त शिकायतों को टेलीफोन के माध्यम से संबंधित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण/आवासीय आयुक्त अथवा जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर निराकरण सुनिश्चित करेंगे। समन्वय स्थापित करने वाले सभी अधिकारी प्रतिदिन दोपहर 3 बजे सम्पूर्ण जानकारी तथा फीडबैक राज्य-स्तरीय कंट्रोल-रूम प्रभारी श्री संजय दुबे को उपलब्ध कराएंगे।
प्रमुख सचिव श्रम श्री अशोक शाह द्वारा राशि का अंतरण सिंगल क्लिक के माध्यम से किया गया। प्रवासी श्रमिकों की जानकारी श्रम विभाग द्वारा विशेष सर्वेक्षण के माध्यम से जुटाई गई है। इस समय मध्यप्रदेश में 22 राज्यों के 7 हजार प्रवासी श्रमिक हैं जिनमें उत्तरप्रदेश के 1769, बिहार 1366, झारखंड 1030, पश्चिम बंगाल 725, छत्तीसगढ़ 324, गुजरात 266, राजस्थान 220 श्रमिक शामिल हैं। इसमें नेपाल देश का भी एक श्रमिक शामिल है। मध्यप्रदेश के ऐसे 245 निर्माण श्रमिक, जिनका पंजीयन नहीं हुआ है, उन्हें भी एक-एक हजार रूपए की राशि अंतरित की गई है।
क्रं.
|
राज्य
|
श्रमिकों की संख्या
|
1.
|
आंध्रप्रदेश
|
119
|
2.
|
असम
|
32
|
3.
|
बिहार
|
1366
|
4.
|
छत्तीसगढ़
|
324
|
5.
|
दिल्ली
|
17
|
6.
|
गुजरात
|
266
|
7.
|
हरियाणा
|
40
|
8.
|
हिमाचल प्रदेश
|
56
|
9.
|
जम्मू एण्ड कश्मीर
|
01
|
10.
|
झारखंड
|
1030
|
11.
|
कर्नाटक
|
08
|
12.
|
केरला
|
05
|
13.
|
मध्यप्रदेश
|
245
|
14.
|
महाराष्ट्र
|
108
|
15.
|
उड़ीसा
|
169
|
16.
|
पंजाब
|
63
|
17.
|
राजस्थान
|
240
|
18.
|
तमिलनाडू
|
35
|
19.
|
तेलंगाना
|
08
|
20.
|
उत्तरप्रदेश
|
1769
|
21.
|
उत्तराखंड
|
13
|
22.
|
पश्चिम बंगाल
|
725
|
23.
|
नेपाल
|
01
|
हमारे पास राशनकार्ड नहीं है,कृपया राशन देने की कृपा करे।
ReplyDeleteहमारे पास राशनकार्ड नहीं हैं कृपया राशन देने की कृपा करें।
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