पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के विनिर्माण और आपूर्ति के द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दे रहा सहयोग
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला अग्रणी शोध एवं शैक्षणिक संस्थान भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएफपीटी) कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग कर रहा है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कोविड-19 के मरीजों के लिए पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ बनाने की दिशा में आईआईएफपीटी द्वारा की गई पहल की सराहना की है। संस्थान की यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि ऐसे दौर में स्वस्थ एवं प्रतिरोधकता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ अपरिहार्य हो गए हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला अग्रणी शोध एवं शैक्षणिक संस्थान भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएफपीटी) कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग कर रहा है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कोविड-19 के मरीजों के लिए पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ बनाने की दिशा में आईआईएफपीटी द्वारा की गई पहल की सराहना की है। संस्थान की यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि ऐसे दौर में स्वस्थ एवं प्रतिरोधकता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ अपरिहार्य हो गए हैं।
आईआईएफपीटी द्वारा तंजावुर मेडिकल कॉलेज, तमिलनाडु में चिकित्सा परीक्षण से गुजर रहे कोविड-19 मरीजों और हाल में उपचार से ठीक होने वाले मरीजों के लिए पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं।
आईआईएफपीटी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जिला प्रशासन, तंजावुर और तंजावुर मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) के प्रयासों को समर्थन दे रहा है। निदेशक डॉ. सी आनंधर्माकृष्णन ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर प्रतिरोधक क्षमता में सुधार को ध्यान में रखते हुए आईआईएफपीटी के वैज्ञानिक नए खाद्य उत्पाद सामने लेकर आए हैं, जिन्हें कई स्वदेशी खाद्य पदार्थों को मिलाकर बनाया गया है।
आईआईएफपीटी के एचएसीसीपी और आईएसओ प्रमाणित खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय ऊष्मायन केन्द्र (एफपीबीआईसी) में दैनिक आधार पर ब्रेड, कुकीज, रस्क और मिलेट पॉप्स तैयार किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी और डीन, टीएमसी की उपस्थिति में 21 अप्रैल, 2020 को इसकी शुरुआत की गई थी। आईआईएफपीटी के कर्मचारियों द्वारा सभी उत्पादों को सावधानीपूर्वक बनाया जा रहा है। ब्रेड में मोरिंगा की पत्तियां, मूंगफली पाउडर और छाछ भी मिलाया जा रहा है, जिससे उसमें प्रोटीन 9.8 प्रतिशत और फाइबर की मात्रा 8.1 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा ब्रेड में प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए लहसुन, हल्दी, अदरक, काली मिर्च और अन्य मसालो का मिश्रण भी किया जा रहा है।
कुकीज में मसाले के अर्क के फायदों के अलावा 14.16 प्रतिशत प्रोटीन और 8.71 प्रतिशत फाइबर मौजूद है। 12.85 प्रतिशत प्रोटीन और 10.61 प्रतिशत फाइबर से युक्त रस्क ऑर्गनोलेप्टिव की विशेषताओं के समान ही अच्छा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन उत्पादों में कोई भी कृत्रिम तत्वों का मिश्रण नहीं किया गया है और निर्माण (पैकेजिंग और लेबिलिंग) के तुरंत बाद ही इन्हें अस्पताल को भेज दिया जाता है।
इसके अलावा आईआईएफपीटी में एफएसएसएआई की एक रेफरल प्रयोगशाला भी है और खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता परीक्षण विभाग इस दौर में विभिन्न प्रकार की ड्यूटी में लगे जिले के पुलिस विभाग और अन्य अधिकारियों के लिए हैंड सैनिटाइजर भी तैयार कर रहा है। इन हैंड सैनिटाइजर्स को डब्ल्यूएचओ के नियमों के तहत ही तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा आईआईएफपीटी में एफएसएसएआई की एक रेफरल प्रयोगशाला भी है और खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता परीक्षण विभाग इस दौर में विभिन्न प्रकार की ड्यूटी में लगे जिले के पुलिस विभाग और अन्य अधिकारियों के लिए हैंड सैनिटाइजर भी तैयार कर रहा है। इन हैंड सैनिटाइजर्स को डब्ल्यूएचओ के नियमों के तहत ही तैयार किया जा रहा है।
आईआईएफपीटी के बारे में
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आईआईएफपीटी राष्ट्रीय स्तर का शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान है। आईआईएफपीटी अपने तंजावुर, तमिलनाडु स्थित मुख्य परिसर और बठिंडा, पंजाब और गुवाहाटी, असम स्थित संपर्क कार्यालयों के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन, खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा तथा व्यवसाय ऊष्मायन जैसे क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं की पेशकश करता है