1.27 करोड़ से अधिक निराश्रित/भिक्षुक/बेघर लोगों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने लॉकडाउन शुरु होने के बाद से व्यवस्था की
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने प्रमुख नगर निगमों के साथ मिलकर लॉकडाउन शुरु होने के बाद से (10.04.2020 तक) 1.27 करोड़ से अधिक निराश्रित/भिक्षुक/बेघर लोगों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की है। मंत्रालय एक परियोजना के तहत भिक्षावृत्ति में संलग्न लोगों के पुनर्वास के लिए पहले से ही एक व्यापक योजना लागू करने हेतु दस (10) शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, नागपुर, पटना और इंदौर का चयन कर चुका है। इस योजना के तहत राज्य सरकारों/ संघशासित प्रदेशों/ स्थानीय शहरी निकायों और स्वैच्छिक संगठनों, संस्थानों आदि के सहयोग से ऐसे लोगों की पहचान, पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास का प्रावधान शामिल होगा। इस योजना के तहत राज्यों / संघशासित प्रदेशों को इसके कार्यान्वयन के लिए 100% सहायता प्रदान की जाएगी।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण देश भर के मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की आशंका थी कि गंभीर कठिनाइयों के कारण अनेक भिक्षावृत्ति करने वालों, खानाबदोश लोगों के भूखों मरने की नौबत आ चुकी होगी। इसके मद्देनजर दस शहरों के नगर निगमों को निर्देश दिए गए कि लॉकडाउन को देखते हुए वे भिक्षावृत्ति करने वालों, खानाबदोश लोगों को पका हुआ भोजन निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए तत्काल प्रभाव से आहार केंद्रों की स्थापना करे। इस व्यवस्था से भविष्य में समग्र राष्ट्रीय परियोजना में शामिल किए जा सकने वाले लोगों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।
जिन निराश्रित/भिक्षुक/बेघर लोगों को पका हुआ भोजन मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है उनका शहरवार वर्णन निम्नलिखित है :-
क्रम संख्या
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शहर का नाम
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लोगों की संख्या जिन्हें निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया(लाखों में )
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1.
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दिल्ली
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75.0
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2.
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मुंबई
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9.8
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3.
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कोलकाता
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1.3
|
4.
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चेन्नई
|
3.5
|
5.
|
बेंगलुरु
|
14.0
|
6.
|
हैदराबाद
|
7.0
|
7.
|
नागपुर
|
0.8
|
8.
|
इंदौर
|
8.4
|
9.
|
लखनऊ
|
7.0
|
10.
|
पटना
|
0.5
|
कुल
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127.30
|