पौधारोपण कार्य में पंचायत की मेहनत से पूरा हो रहा पर्यावरण का महत्व
मानव जीवन के लिये जरूरी है वृक्ष की मिशाल बनी परतई ग्राम पंचायत
ग्राम आलेसुर में 625 पौधों का किया गया था पौधारोपण
सिवनी। गोंडवाना समय।
कहने को तो सरकार ने पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित कर भविष्य में मानव जीवन के अति आवश्यक वृक्षों की जरूरत को समझकर केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था के तहत करोड़ो अरबों रूपये की राशि पौधारोपण के लिये जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतों को पौधारोपण योजना के तहत धनराशी उपलब्ध करवाई गई है।
जिन ग्राम पंचायतो में सरपंच सचिव, रोजगार सहायक, चौकीदार व ग्रामीणों ने वृक्षों की आवश्यकता व महत्व को समझा तो उन्होंने ईमानदारी से प्रकृति का महत्व समझकर पूरी जिम्मेदारी के साथ सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली धनराशि का पौधारोपण कार्य में कर्तव्य के साथ अपना कार्य किया उन ग्राम पंचायतो में पूर्व में किये गये पौधोरोपण अब वृक्षों का रूप लेने लगे है। ऐसा ही पौधारोपण की मिशाल हमें जनपद पंचायत कुरई के अंतर्गत ग्राम पंचायत पतरई के ग्राम आलेसुर में देखने को मिली।2 जुलाई 2017 को किया गया था पौधारोपण
हम आपको बता दे कि जनपद पंचायत कुरई के अंतर्गत ग्राम पंचायत पतरई के ग्राम आलेसुर की शासकीय भूमि में मनरेगा के अंतर्गत 02 जुलाई 2017 में पौधारोपण का कार्य ग्राम पंचायत पतरई सरपंच श्रीमती लीला इनवाती, सचिव जगदीश सूर्यवंशी और रोजगार सहायक तरनुम खान की निगरानी में ग्रामीणों के सहयोग से कराया गया था। ग्राम पंचायत के द्वारा किये गये पौधारोपण में जिम्मेदारी के साथ कार्य किया गया जो आज हकीकत के रूप में सबके सामने दिखाई दे रहा है।
पौधारोपण के बाद सुरक्षा में निभाई जिम्मेदारी
पौधारोपण में आम के 350 पौधे, जामुन के 50, इमली के 185, नींबू के 10, अमरूद के 05 और शीशम के 25 पौधे इस प्रकार कुल 625 पौधों का पौधारोपण किया गया था। जनपद पंचायत कुरई के अंतर्गत ग्राम पंचायत पतरई के सरपंच, सचिव की अच्छी सोच और लगन के चलते पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी श्री कंसलाल इनवाती द्वारा अच्छे से देखरेख होने के कारण सभी पौधे आज बहुत अच्छे से वृक्ष का स्वरूप धारण कर बढ़ते जा रहे है।
भविष्य में ग्रामवासियों के लिये ग्राम पंचायत पतरई के ग्राम आलेसुर में किये गये पौधारोपण के बाद अब वर्तमान में बढ़ते वृक्ष फल, छावं और शुद्ध वायु भविष्य में देगें।