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वीरागंना दुर्गावती आदिवासी महिला शक्ति द्वारा बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके की जयंति मनाई गई

वीरागंना दुर्गावती आदिवासी महिला शक्ति द्वारा बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके की जयंति मनाई गई 

सिवनी। गोंडवाना समय। 
सिवनी जिला मुख्यालय में वीरागंना दुर्गावती आदिवासी महिला शक्ति द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रान्तिकारी वीर बाबूराव सेडमाके की जंयती 187 वी  जंयती मनाया  गया। वीर क्रांतिकारी के बलिदान को सदियों तक याद रखेगा। बाबूराव शेडमाके का जन्म 12 मार्च सन 1833 को गोंडवाना साम्राज्य के चांदागढ़ रियासत (संप्रति जिला चंद्रपुर, महाराष्ट्र) के मोलमपल्ली गांव में हुआ था। आपके पिता का नाम पूलाईसुर बाबू था जिन्हें लोग पुलेश्वर बापू के नाम से भी जानते थे।
वे उस क्षेत्र के काफी प्रभावशाली जमींदार हुआ करते थे जिनके अंतर्गत 24 गाँव आते थे। बाबू राव के माता का नाम जुरजा कुंवर था जो बहुत ही कोया पुनेमी महिला थी और गोंडी भाषा की अच्छी जानकार थीगोंड महाराजा बाबूराव पुलेश्वर शेडमाके के बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भी नहीं भुला पाएगा। जिन्हें 21 अक्टूबर, 1858 को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखने के चलते अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। मात्र 25 वर्ष की अल्पायु में देश और समाज के लिए बलिदान हो जाने वाले इस वीर को शत शत नमन और सेवा जोहार।

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