गोंड, गोंडी, गोंडवाना का लक्ष्य केवल गोंड जाति नहीं, संपूर्ण गोंडवाना का समग्र उत्थान है
गोंड जाति अपने उपजाती के सहोदरों को साथ लिए बिना नहीं हासिल कर सकता लक्ष्य
गोंडवाना समय समाचार पत्र विशेष लेख
लेखक
गुलजार सिंह मरकाम
राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन
गोंड, गोंडी, गोंडवाना केवल गोंड जाति के लिए नहीं, यह गोंडवाना की विचारधारा को समग्रता से आगे बढ़ाने वाला गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन का आधार है। इसे जाति के संकीर्ण बंधन में बांधने का प्रयास न हो, इसे गोंड जाति की परिधि में बांधकर गोंडवाना के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। गोंड गोंडी गोंडवाना का लक्ष्य केवल गोंड जाति नहीं, संपूर्ण गोंडवाना का समग्र उत्थान है।
हमारे पूर्वजों द्वारा ग्राम गणराज्य की संरचना अपने गणों को लेकर की गई थी स्थापित
गोंड जाति अपने उपजाती के सहोदरों को साथ लिए बिना गोंड, गोंडी गोंडवाना, एक समाज एक रिवाज एक आवाज, विरासत, रियासत, और सियासत के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता है। वह गोंड प्रधान, ओझा बैगा अगरिया, गोंडगोवारी आदि महत्त्वपूर्ण अंगों से अलग होकर अपने सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण नहीं रख सकता। हमारे पूर्वजों द्वारा ग्राम गणराज्य की संरचना अपने गणों को लेकर स्थापित की गई थी।
स्वर्णिम गोंडवाना की है परिकल्पना
वर्तमान समय में यह कहीं ना कहीं अव्यवस्थित हो चुकी है। उसे व्यवस्थित करने के लिए गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन की रूपरेखा तैयार करते समय समुदाय के हर उस अंग को विकसित करने का प्रयत्न किया गया और किया जा रहा है। जिसमें समुदाय की भाषा, धर्म, संस्कृति को मजबूत करने वाला साहित्य शाखा, धर्म संसद, सांस्कृतिक नृत्य गायन, आर्थिक शाखा राजनीतिक, मातृशक्ति, युवाशक्ति, कृषि उद्योग व्यवसाय, शिक्षा क्षेत्र, भुमका संघ आदि विभिन्न आवश्यक शाखाओं की मजबूती के माध्यम से ही स्वर्णिम गोंडवाना की परिकल्पना है।
यही समन्वय आपको लक्ष्य तक पहुंचने में सहायक होगा
गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन की जितनी शाखाएं अब तक संचालित है। उन्हें पुष्ट हो जाना था परन्तु हर शाखा अपने मूल दायित्व को निभाने की बजाय अन्य शाखा के विषयों पर भी हाथ पैर मारने, दखल देने लगता है। जिससे ना वह खुद पुष्ट होता ना दूसरे को मजबूत होने देता। इसलिए आंदोलन की समस्त पंजीकृत अपंजीकृत संगठन और शाखाएं एक दूसरे से समन्वय बनाकर आगे बढ़ें। यही समन्वय आपको लक्ष्य तक पहुंचने में सहायक होगा।
लेखक
गुलजार सिंह मरकाम