चार दिन की नवजात बच्ची का धारधार हथियार से काटा गया था सिर! फिर भी खाकी चुप
जिला अस्पताल के डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा अपना ओपनियन
सिवनी। गोंडवाना समय।
वैसे तो सिवनी जिले में पिछले कुछेक सालों में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां महिलाऐं नवजात को जन्म देकर जीवित हो या मृत अवस्था में कूड़ा करकट में फेंककर चले गए हैं लेकिन सिवनी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत नवजात का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सूनकर रूह कांप जाएगी। वहीं शायद सिवनी जिले का ही नहीं बल्कि प्रदेश का पहला मामला हो सकता है। जी हा हम बात कर रहे हैं सात फरवरी को कोतवाली थाना अंतर्गत सिवनी शहर के मरझोर के पास खेत पर गड्ढे में मिली नवजात बच्ची के शव की। जिसे अज्ञात व्यक्ति महिला है या पुरूष कपड़े में लपेटकर क्रुरतापूर्वक फेंककर चले गए थे।
नवजात का गायब था सिर, डॉक्टर का ओपनीयन धारधार हथियार का उपयोग-
07 फरवरी को जब लोगों व मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने घटना स्थल पर जाकर देखा था तो नवजात बच्ची तकरीबन तीन से चार दिन की लग रही थी और उसका सिर गायब था। श्वान के मुंह में नवजात का शव देकर लोगों को लग रहा था कि श्वान द्वारा नवजात बच्ची का शव भक्षण किया गया होगा। पुलिस भी शायद यहीं कयास लगा रही थी। हालांकि घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जिसमें चिकित्सा से जुड़े सूत्रों से नवजात बच्ची को लेकर चौकाने वाली बात सामने आई है। सूत्र बताते हैं कि नवजात का सिर किसी धारधार हथियार से काटा गया था। जैसे की जादू-टोने या नरबली दी गई हो। सूत्र बताते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी डॉक्टर ने अपने ओपनियन में धारधार हथियार का जिक्र किया है। इसके बावजूद पुलिस ने इस गंभीर मामले को लेकर क्यों चुप बैठी है यह सवाल खड़ा हो रहा है। पुलिस की चुप्पी से साफ जाहिर होता है कि पुलिस में संवेदनशीलता खत्म हो गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अनजान नहीं पुलिस फिर भी चुप्पी-
एक महिने में निश्चितौर पर नवजात बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोतवाली पुलिस के हाथों में पहुंच गई होगी और पुलिस ने भी रिपोर्ट में दिए गए डॉक्टर के ओपनीयन को पढ़ा होगा इसके बावजूद इस क्रुर और संवेदनशील मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है यह कोतवाली पुलिस ही बता पाएगी। इस मामले को लेकर पुलिस विभाग की अनुविभागीय अधिकारी सुश्री पारूल शर्मा और एएसपी कमलेश खरपुसे इस तरह की जानकारी न होने की बात कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर काटने का जिक्र है तो मामला बेहद ही संगीन है और उस मामले की जांच कराई जाएगी।
सरकारी अस्पताल की इंक फिर भी पुलिस नहीं लगा पा रही पता-
मौके पर जब पुलिस और क्षेत्रीय लोगों ने नवजात बच्ची का शव देखा था तब उसके पैर और हाथ पर सरकारी अस्पताल की इंक लगी हुई थी जिसे शायद डिस्चार्ज के दौरान स्वास्थ्य अमला द्वारा लगाया जाता है इसके बावजूद कोतवाली पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पाई है कि किसकी बच्ची थी और किसने फेंका था।
कई जगह रिकार्ड फिर भी नहीं पकड़ पाती पुलिस-
हम बता दें कि जब महिला गर्भवती होती है तो उसका कई जगह रिकार्ड होता है। आंगनबाड़ी केन्द्र,सोनोग्राफी सेंटर,महिला चिकित्सकों की क्लिनिक सहित प्रसूती के दौरान सरकारी अस्पतालों में भी उसका रिकार्ड होता है। इसके बावजूद बच्चों का त्याग करने वाली महिलाओं का आखिरकार पुलिस क्यों पता नहीं लगा पाती है यह सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाला सरकारी अमला और एनजीओं भी इस मामले को लेकर सामने क्यों नहीं आ रहे हैं यह सवाल खड़ा हो रहा है।