सुप्रीम कोर्ट का निर्देश 20 मार्च को बुलाया जाए विधानसभा सत्र, शाम 5 बजे तक हो बहुमत का फैसला
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई के बाद दिशा निर्देश जारी किए
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के नौ विधायकों के साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की याचिकाओं पर सुनवाई किया। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश में अनिश्चितता की स्थिति को फ्लोर टेस्ट द्वारा प्रभावी ढंग से हल किया जाना चाहिये।
कोर्ट ने सात दिशा-निर्देश दिए
मध्यप्रदेश असेंबली सेशन 20 मार्च को बुलाया जाए, केवल एक एजेंडा, क्या सरकार को बहुमत है? हाथ उठाकर हो मतदान, वीडियोग्राफी और लाइव टेलीकास्ट किया जाए, शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो, शाम 5 बजे तक पूरा होगा मतदान और एमपी व कर्नाटक के डीजीपी को सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्र की व्यवस्था से 16 विधायकों पर कोई प्रतिबंध ना हों, अगर वे आना चाहते हैं तो सुरक्षा दी जाए।
कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा
बागी विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट से कहा था कि यह गलत है कि विधायकों का अपहरण किया गया और जबरदस्ती के सभी आरोप बकवास हैं. मनिंदर सिंह ने कहा, उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया। विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने के लिए निर्देश जारी किया गया। भाजपा ने जोर देकर कहा कि वह 16 बागी कांग्रेस विधायकों को ला सकती है और चैंबर में न्यायाधीश चंद्रचूड़ और गुप्ता के सामने पेश कर सकती है और न्यायाधीश विधायकों के विचारों का पता लगा सकते हैं।