शिक्षकों के प्रयासों से डिजिटल साक्षरता की ओर बढ़ रहा सिवनी
जिले में 1700 से अधिक शासकीय शालाओं में डिजिटल क्लास संचालित
बच्चों का बौद्धिक विकास में होगा लाभकारी होगा
सिवनी जिले में मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी की पहल में शिक्षको एवं जनप्रतिनिधियों ने अब तक लगभग 4 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सामग्री शालाओं को दान दी हैं। जिसका लाभ इन शासकीय शालाओं में अध्ययनरत जरूरतमंद बच्चों को मिल रहा हैं। डिजिटल क्लास में इंटरनेट से जुड़कर बच्चें पाठ्यक्रम को पहले से बेहतर एवं रोचक रूप से समझने के साथ ही वैश्विक शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकेंगे।
सिवनी। गोंडवाना समय।
शिक्षक ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है, जो बिना किसी स्वार्थ व भेदभाव के अपने हर शिष्य को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करता है। एक छात्र सही-गलत से लेकर जीवन के अनेक रंग अपने शिक्षक को देख व सुन कर सीखता है। सही मायनों में शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है, उसी के योगदान से ही एक व्यक्ति समाज मे रहने योग्य बनता है। इसीलिए शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा जाता है।
मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी के शिक्षक बने प्रमाण
शिक्षकों का अपने छात्रों के प्रति समर्पण का प्रमाण सिवनी जिले के शिक्षको ने मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी पहल में सकारात्मक भागीदारी के माध्यम से पेश किया है। तात्कालीन संभागायुक्त एवं वर्तमान आयुक्त आबकारी विभाग श्री राजेश बहुगुणा द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व शासकीय शालाओ की साफ सफाई एवं शालाओं की सुविधाओं के उन्नयन की मंशा से मेरी शाला- मेरी जिम्मेदारी पहल पेश की थी।
कलेक्टर के मार्गदर्शन में शिक्षक, जनप्रतिनिधियों व समाजसेवक निभा रहे सक्रिय भागीदारी
इस पहल में कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के मार्गदर्शन में जिले के शिक्षकों ने आगे आकर अपनी शालाओं की जिम्मेदारी स्वयं ली है। यह पहल अब शाला की साफ सफाई तक सीमित न होकर मानक शिक्षा की ओर बढ़ने लगी हैं। शिक्षकों ने अपनी शाला की साफ सफाई के साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता के उन्नयन की दिशा में बिना शासकीय मदद के अपनी स्कूलों में डेस्क बेंच की उपलब्धता, स्मार्ट क्लास एवं मॉडर्न क्लास रूम का निर्माण कर मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी पहल की सफलता की नई इबारत लिख दी है। इस पहल में जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्राम के सरपंच सचिवों एवं समाज सेवियों की भी सक्रिय भागीदारी रही हैं।
1724 स्कूल में स्मार्ट क्लास हुई प्रारंभ
सिवनी जिले में बिना शासकीय मदद के शिक्षकों एवं समाजसेवियों की भागीदारी से अब तक जिले के 1724 स्कूलों में स्मार्ट क्लास प्रारंभ हो चुकी हैं। जिससें सिवनी जिला शत प्रतिशत डिजिटल शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिसमें सिवनी विकासखंड में 311, बरघाट विकास खंड में 260 छपारा विकासखंड में 209 और धनोरा विकासखंड में 87, घंसौर विकासखंड में 396 तथा केवलारी विकासखंड में 132, कुरई विकासखंड में 236 तथा लखनादौन विकासखण्ड की 93 शासकीय शालाओ में स्मार्ट क्लास प्रारंभ हो चुकी हैं।
4 करोड़ रूपये अधिक की मिली सहायता
इसके अतिरिक्त शालाओं में छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए फर्नीचर, गद्दे एवं अन्य जरूरी सामग्री भी जुटाई गई हैं। इस पहल में शिक्षको एवं जनप्रतिनिधियों ने अब तक लगभग 4 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सामग्री शालाओं को दान दी हैं। जिसका लाभ इन शासकीय शालाओं में अध्ययनरत जरूरतमंद बच्चों को मिल रहा हैं। डिजिटल क्लास में इंटरनेट से जुड़कर बच्चें पाठ्यक्रम को पहले से बेहतर एवं रोचक रूप से समझने के साथ ही वैश्विक शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकेंगे। जो निश्चित रूप से बच्चों का बौद्धिक विकास में लाभकारी होगा।