बेटी डराओ, घर में बिठाओ आखिर क्यों और कब तक-मातृशक्ति संगठन
पुलिस अधीक्षक से जांच की मांग ताकि असलियत सबके सामने आ सके
सिवनी। गोंडवाना समय।
हाल ही में अरी थाना क्षेत्र के बटामा गाँव में प्राइमरी स्कूल की 5 वी क्लास में पढ़ने वाली बेटी के साथ एक शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ करने की जानकारी मिलने पर मातृशक्ति संगठन ने उस गाँव में जाकर बिटिया के घर मुलाकात किया। पहले बिटिया की मां ने उनकी बिटिया के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। इस तरह का जबाब दिया और जब बिटिया से बात की तो डरी सहमी बच्ची ने कांपते हुए कहा ऐसी ही थोड़ी बहुत हरकत कर लेते है वो टीचर, ज्यादा कुछ नहीं बस इतनी ही बात हुई कि माँ ने अपनी बेटी को अपनी गोद मे बिठा लिया और कह दिया कि वो सर बच्चियों को गुदगुदी लगाते है, तो उसके लिए सबने उनको डांट दिया है।
इस गांव को चुप कराया किसने, बुजुर्ग ने सब सही सही बताया
आखिर बिटियां की माँ को कुछ भी न कहने के लिए किसने मजबूर किया इतना ही नहीं संगठन ने उस गाँव में स्कूल यूनिफॉर्म पहने आँगनों में खेलती बेटियां देखी वहीं जाकर कुछ जानकारी चाही तो हर शख्स के मुंह में जैसे ताले डले हो कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। जब एक बुजुर्ग इंसान से पूछा गया कि आप लोग अपने गाँव मे किसी बड़ी घटना की राह न देखे गांव में पुलिस आई थी, तो क्यों आई थी, जब कुछ हुआ ही नहीं, तब कहीं जाकर उस बुजुर्ग ने बताया कि उक्त शिक्षक आदतन ही ऐसा है, उन्हें पहले भी ऐसी हरकतों की वजह से दूसरी जगह से हटाया जा चुका है। गाँव के लोगों ने पहले छेड़छाड़ का हल्ला किया पुलिस आई तो सब को चुप करा दिया समझने वाली बात ये है कि इस गाँव को चुप कराया किसने ?
कैसे बेटी बचाओ, कैसे बेटी पढ़ाओ ?
मातृशक्ति संगठन द्वारा स्कूलों में गुड टच-बेड टच की पूरी जानकारी समय समय पर दी गई। जिसका इतना असर तो है कि बेटियों ने अपने घरों में बताना शुरू किया। मगर शर्म की बात है कि इन बेटियों की छोटी छोटी आवाजों को दवाकर बड़ी घटना का इंतजार आखिर क्यों है? अत: मातृशक्ति संगठन जिला पुलिस अधीक्षक श्री कुमार प्रतीक से यह आग्रह करता है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित जांच कराने का कष्ट करें ताकि दोनों पक्षों में कराए गए समझौते की असलियत सबके सामने आ सके और आरोपी को उसके किये की सजा मिले।