खैर की अवैध कटाई-परिवहन करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह सरगना गिरफ्तार
अब तक 164 मीट्रिक टन खैर लकड़ी की जप्त
भोपाल। गोंडवाना समय।
राज्य स्तरीय टाईगर स्ट्राइक फोर्स (एस.टी.एस.एफ.) इन्दौर-भोपाल ने राजस्थान के दल के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए कोटा-झालावाड़ मार्ग से मध्यप्रदेश के जंगलों से खैर लकड़ी की अवैध कटाई और परिवहन करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के सरगना मोहम्मद इकबाल और शहजाद अली को गिरफ्तार किया है। हरियाणा के ग्राम सतपुतिया निवासी मोहम्मद इकबाल और गुजरात के ग्राम कठोस निवासी शहजाद अली को पूछताछ के लिए इन्दौर एस.टी.एस.एफ. कार्यालय लाया गया है। आरोपियों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, चिपलूण महाराष्ट्र, बुलन्दशहर उत्तरप्रदेश, अनूपशहर, सांपला गुरूग्राम (हरियाणा), मेवात झज्जर की फैक्ट्री में कत्थे के लिये खैर लकड़ी का बेचा जाना कुबूल किया है। कार्यवाही में अब तक 06 ट्रक, 03 मिनी ट्रक और 02 कार से लगभग 164 मीट्रिक टन खैर लकड़ी की जप्ती की जा चुकी है।
प्रदेश के कुछ जिलों में पिछले दिनों में विनिर्दिष्ट वनोपज खैर की अवैध कटाई परिवहन और व्यापार की जानकारी वन विभाग को मिली थी। राज्य स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल, इन्दौर और सीहोर वन मंडल के संयुक्त दल ने 21 जनवरी 2020 को खिवनी अभ्यारण्य में 17 टन खैर की अवैध कटाई और परिवहन करते हुए ट्रक के साथ दो आरोपियों भूपेन्द्र सिंह और राजवीर सिंह को ट्रक के साथ गिरफ्तार किया था। दिल्ली निवासी इन आरोपियों के विरूद्ध जैव-विविधता अधिनियम के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। गिरफ्तार आरोपियों ने कुबूला कि खैर वनोपज खिवनी अभयारण्य से काटकर हरियाणा की कत्था फैक्ट्री भेजी जा रही थी। आरोपियों की निशानदेही पर कत्था फैक्ट्री मुर्थल हरियाणा में वन विभाग हरियाणा और एस.टी.एस.एफ. भोपाल-इन्दौर ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए कत्था फैक्ट्री के मैनेजर रामवीर सिंह को फैक्ट्री में रखे 17 टन अवैध खैर वनोपज के साथ गिरफ्तार कर लिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले 10-15 सालों से गुटखा और पान में सिन्थेटिक कत्थे का प्रयोग होने लगा था। इससे केन्सर के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर देश में वापस खैर वनोपज की मांग बढ़ने लगी है। मध्यप्रदेश की एस.टी.एस.एफ.टीम ने छापे के दौरान पाया कि कत्था बनाने वाली फैक्ट्रियों में देश के अन्य राज्यों से भी अवैध रूप से खैर वनोपज को ट्रकों में लाया गया था। अब तक 32 प्रकरण पंजीबद्ध कर 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी जारी है।