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धर्म कोड और जनगणना में जनजाति समुदाय के लिये कॉलम निर्धारण को लेकर दिल्ली में भरी हुंकार

धर्म कोड और जनगणना में जनजाति समुदाय के लिये कॉलम निर्धारण को लेकर दिल्ली में भरी हुंकार 

अखिल गोंडवाना कोयापुनेम भुमका सेवा संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों ने राष्ट्रपति से किया मांग

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
अखिल गोंडवाना कोयापुनेम भुमका सेवा संस्था ने महामहिम राष्ट्रपति का ध्यान आकृष्ट कराते हुये अपनी मांग को पुरजोर तरीके से रखते हुये कहा कि जब भारत सरकार प्रकृति के बाघ, शेर, गाय, बकरी, भैंस, भालू की जनगणना करती है तो अनुसूचित जनजातियों की जनगणना क्यों नहीं कराती है। इसी तरह उन्होंने धर्म को संवैधानिक मान्यता दिये जाने की भी मांग किया। 

वर्ष 2021 की जनगणना में जनजातियों की गणना के लिये निर्धारित किया जाये कॉलम

17 फरवरी को जब देश की राजधानी दिल्ली में धरना देने पहुंचे पीली पगड़ी और कोया पुनेम प्रचारकों के द्वारा निर्धारित की नियमानुसार विधिवत पोशाक में हजारों कोया समुदाय के सगाजनों के द्वारा अखिल गोंडवाना कोयापुनेम भुमका सेवा संस्था द्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में जनजाति समुदाय के लिये धर्म को संवैधानिक मान्यता दिये जाने एवं वर्ष 2021 की जनगणना में जनजाति समुदाय की जनसंख्या की गणना करने के लिये कॉलम का निर्धारण किये जाने की मांग को लेकर देश भर के विभिन्न प्रांतों से हजारों की संख्या में पहुंचे। 

प्रधानमंत्री, महारजिस्ट्रार सहित जनजाति मंत्री व आयोग से भी किया मांग 

अखिल गोंडवाना कोयापुनेम भुमका सेवा संस्था के पदाधिकारियोें व सदस्यों के द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में हुंकार भरते हुये महामहिम राष्ट्रपति से मांग किया। इसके साथ ही अन्य बिंदुओंं पर ज्ञापन को प्रतिलिपि के रूप में प्रधानमंत्री, महारजिस्ट्रार भारत सरकार, जनरल रजिस्ट्रार प्रशासन सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली, राष्ट्रीय अध्यक्ष जनजाति आयोग नई दिल्ली, जनजाति कार्यमंत्री भारत सरकार के नाम सौंपा गया।

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