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गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित हुये डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे

गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित हुये डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे

कोया पुनेमी संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ के रूप में है विख्यात

दमोह। गोंडवाना समय।
गोंडवाना समाज महासभा, मध्य प्रदेश के तत्वाधान में दमोह में आयोजित तीसरे वार्षिक सम्मेलन में अंतर्रष्ट्रीय कोया पुनेमी चिंतनकार और विचारक डॉ सूर्या बाली को गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया । डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वेबाली को यह सम्मान उनके कोयापुनेमी धर्म संस्कृति को बढ़ावा देने और प्रचार प्रसार में महत्त्वपूर्ण  योगदान के लिए दिया गया। यह सम्मान उन्हें गोंड समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तिरूमाल बिशन सिंह परतेती ने प्रदान किया इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित गोंड समाज महासभा के प्रांतीय, जिला  व ब्लॉक ईकाई के पदाधिकारी मौजूद रहे। 

मूलत: छिंदवाड़ा जिले से रखते है ताल्लुक

बता दें कि डॉ सूर्या बाली जिन्हें हम सूरज धुर्वे के नाम से जानते हैं यह मूलत: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं लेकिन आपका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले एक गोंड परिवार में हुआ है आप की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा जौनपुर उत्तर प्रदेश से ही हुई है। 

देश व विदेशों में अध्ययन कर प्राप्त किया डिग्रियां

हम आपको बता दे  कि डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे जी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद अपने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमबी की शिक्षा अर्जित की है। आप पीजीआई लखनऊ और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे उच्च चिकित्सा संस्थानों में कार्य कर चुके हैं। इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में 6 वर्षों से ज्यादा शिक्षण का कार्य कर चुके हैं। आपने अमेरिका के फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी से एमबीए और एमएचए (मास्टर इन हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन) की डिग्रियां हासिल की है।

राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर हुआ सम्मान 

पिछले 8 सालों से डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे भोपाल एम्स में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। जहां पर आप एमबीबीएस  एमडी छात्रों के  प्रशिक्षण और मेडिकल क्षेत्र में शोध कर रहे हैं। आपके 40 से ज्यादा शोध पत्र देश-विदेश की जानी मानी पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं। आप बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान और अवार्ड जैसे हु इज हु इन दी वर्ल्ड, अनस्टॉपेबल इंडियन अवार्ड, कालूराम मेमोरियल राष्ट्रीय अवार्ड, रितु सिंह मेमोरियल अवार्ड, अंतरराष्ट्रीय फोर्ड फाउंडेशन फैलोशिप आदि से सम्मानित हो चुके हैं।

कोइतूर परंपरा और कोया पुनेमी संस्कृति पर कर रहे शोध 

डॉ सूरज धुर्वे के नाम से सगा समाज की  संस्कृति रीति रिवाज परंपराओं इतिहास इत्यादि पर बराबर लिख रहे हैं। आप जनजातीय मामलों और कोया पुनेमी संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ के रूप में विख्यात हैं। गोंडी धर्म संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाली भोपाल की संस्था सगा सग्गूम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। आजकल डॉ बाली कोइतूर परंपरा और कोया पुनेमी संस्कृति पर शोध कर रहे है और जन जातियों की धर्म संस्कृति पर देश की जानी मानी पत्र पत्रिकाओं में लिख रहे हैं। डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे को यह सम्मान मिलने से पूरे कोइतूर समाज ने बधाइयाँ और शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं और पूरे गोंडवाना में खुशी की लहर है।

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